उपलब्धि : नर्सिंग शिक्षा को एक नए स्तर पर पहुंचाने के लिए अथक प्रयासरत प्रोफेसर डॉ. उमा शेंडे…जिन्हें तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री ने “अंतर्राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार” से सम्मानित किया
कमलेश यादव: एक ऐसी प्रेरणादायक शख्सियत, जिन्होंने अपने जीवन की हर चुनौती का साहस और धैर्य से सामना किया। उनका जीवन उन सभी के लिए मिसाल है, जो अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की आकांक्षा रखते हैं। शासकीय नर्सिंग कॉलेज, राजनांदगांव में पदस्थ प्रोफेसर डॉ. उमा शेंडे ने नर्सिंग के क्षेत्र में अपने 27 वर्षों के समर्पित प्रयासों और उल्लेखनीय योगदान से नई ऊंचाइयां हासिल की हैं। उनकी इस उपलब्धि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली, जब तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी ने उन्हें “अंतर्राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार” से सम्मानित किया। यह सम्मान न केवल डॉ. उमा शेंडे की व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है।
गौरतलब है कि डॉ. शेंडे की यह उपलब्धि उनकी वर्षों की कड़ी मेहनत, दूरदर्शिता, और समाज के प्रति अटूट समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में न केवल नई दिशाएं तय कीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत प्रेरणा स्तंभ भी स्थापित किया है। प्रो. उमा शेंडे ने अपने लंबे करियर में नर्सिंग शिक्षा को एक नए स्तर पर पहुंचाने के लिए अथक प्रयास किए। उनका मानना है कि नर्सिंग महज एक पेशा नहीं, बल्कि मानवता की सेवा करने का एक सशक्त माध्यम है।
कौन है प्रोफेसर डॉ. उमा शेंडे
छत्तीसगढ़ की स्टील सिटी भिलाई शहर से ताल्लुक रखने वाली बहुमुखी प्रतिभा की धनी प्रो. डॉ. उमा शेंडे नर्सिंग शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उन्होंने 1995 में भिलाई महिला महाविद्यालय नर्सिंग कॉलेज से बीएससी नर्सिंग, 2002 में चाइल्ड हेल्थ नर्सिंग में एमएससी नर्सिंग, और 2013 में पीएचडी नर्सिंग की डिग्री हासिल की। इसके साथ ही, उन्होंने लोक प्रशासन और समाजशास्त्र में एमए, D.Y.N.S; ,B.A.S.M, क्लींजिंग थेरेपिस्ट, अप्लाइड न्यूट्रीशन में डिप्लोमा, मानसिक स्वास्थ्य परामर्शदाता, कथक नृत्य और योग शिक्षिका जैसे कई विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त की है।
डॉ. शेंडे की प्रकाशित पुस्तकें और लेख:
डॉ. शेंडे एक प्रतिष्ठित लेखक और शोधकर्ता हैं जिन्होंने नर्सिंग के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पुस्तकें और लेख लिखे हैं।जिसमे मुख्यतः मैनुअल ऑफ पीडियाट्रिक प्रोसीजर बुक (Manual of Paediatric Procedures Book) पीडियाट्रिक ड्रग बुक फॉर नर्सेस (Paediatric Drug Book for Nurses) पैथोलॉजी एंड जेनेटिक्स फॉर नर्सेस (Pathology and Genetics for Nurses) ओवरव्यू ऑफ मैनेजमेंट प्रोसेस (इंटरनेशनल) (Overview of management process (International)),अप्लाईड साइकोलॉजी फ़ॉर नर्सेस ( Applied Psychology for Nurses ),हैंडबुक ऑफ नीड्स एंड ग्राटिफिकेशन अमंग स्कूल चिल्ड्रेन (Handbook of needs and gratification among school childrens) प्रिवेंशन ऑफ जंक फूड्स इन चिल्ड्रन (Prevention of Junk foods in Children),बैलेंस्ड डाइट फॉर स्कूल गोइंग चिल्ड्रन (Balanced diet for school going children) साथ ही डॉ. शेंडे के लेख अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं, जो उनकी विशेषज्ञता और शोध क्षमता को प्रदर्शित करते हैं।
डॉ. उमा शेंडे को मिले प्रतिष्ठित सम्मान
डॉ. उमा शेंडे ने शिक्षा, नर्सिंग और समाज सेवा के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त किए हैं। उनके द्वारा प्राप्त प्रमुख पुरस्कार इस प्रकार हैं:इंदिरा गांधी शिक्षा शिरोमणि पुरस्कार,भारत विद्या शिरोमणि पुरस्कार,समाज गौरव और प्रतिभा सम्मान,मातृ शक्ति सम्मान,डॉक्टर्स अचीवर पुरस्कार,महिला शोधकर्ता पुरस्कार,सर्वश्रेष्ठ प्रोफेसर पुरस्कार,अंतर्राष्ट्रीय मंच पर योगदान पुरस्कार,प्रेरणादायक आइकन पुरस्कार,राष्ट्रीय शिक्षक संघ, भारत से सर्वश्रेष्ठ नर्सिंग शिक्षक पुरस्कार,शिक्षा रत्न सम्मान,द्रोणाचार्य पुरस्कार,शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार। डॉ. शेंडे ने अपने ज्ञान और अनुभव से शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। इन सम्मानों के माध्यम से उनके योगदान को मान्यता मिली है, जो युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
प्रो. उमा शेंडे का जीवन इस बात का उदाहरण है कि कैसे सच्चे दिल से समाज के लिए काम करना न केवल व्यक्ति की पहचान बनाता है बल्कि सभी लोगों को प्रेरित भी करता है। निस्संदेह, प्रो. उमा शेंडे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेंगी। उनका उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षा देना नहीं, बल्कि उनमें सेवा, संवेदना, और समर्पण की भावना का संचार करना हैं।