उम्मीदों का केंद्र : दिव्यांगों और बुजुर्गों के जीवन मे बदलाव लाने वाले सहायक उपकरण सीआरसी सेंटर में निःशुल्क प्रदान किया जाता हैं…..आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी रोचक बातें
कमलेश यादव: समानता का अधिकार, संविधान में लिखा एक शब्द मात्र नहीं है, इसे धरातल पर साकार कर सीआरसी सेंटर ठाकुरटोला राजनांदगांव दिव्यांगों और बुजुर्गों के जीवन में बदलाव ला रहा है। वास्तव में समाज की सच्ची प्रगति तभी संभव है जब हर व्यक्ति को सम्मान और स्वावलंबन का जीवन जीने का अधिकार मिले। इस सेंटर में प्रधानमंत्री दिव्यांग केंद्र (पीएमडीके) विभाग के तहत एडीआईपी और आरवीवाई योजनाओं के तहत लाभार्थियों को निःशुल्क सहायक उपकरण का लाभ दिया जा रहा है। आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी रोचक बातें।
एडीआईपी से मिलने वाली लाभ और पात्रता
ऐसे दिव्यांगजन जिनकी विकलांगता 80% है, वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं जिसके अंतर्गत मोटराइज्ड साइकिल, ट्राइसाइकिल, सामान्य ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, बैसाखी, श्रवण यंत्र प्रदान किए जाते हैं। कोई भी लाभार्थी योजना का लाभ लेने के 3 वर्ष बाद पुनः आवेदन कर सकता है। छोटे लाभार्थी बच्चों के लिए नए उपकरण के लिए एक वर्ष बाद आवेदन किया जा सकता है।
आवश्यक दस्तावेज
आधारकार्ड, दिव्यांग प्रमाण पत्र, यूडीआईडी कार्ड, इनकम सर्टिफिकेट, राशन कार्ड, दो फ़ोटो।
आरवीवाई से मिलने वाली लाभ और पात्रतावृद्धजन के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 60 वर्ष से अधिक जरूरतमंद बुजुर्गों को व्हीलचेयर, कॉम्बो चेयर, छड़ी, वॉकर, कमर का पट्टा, घुटने का पट्टा, सुनने की मशीन आदि 12,000 रुपये तक की सामग्री निःशुल्क प्रदान की जाती हैं।
आवश्यक दस्तावेज
आधारकार्ड, इनकम सर्टिफिकेट, राशन कार्ड ।
पीएमडीके विभाग प्रमुख सुश्री चुनमुन मोहंती का मानना है कि दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए उपकरण न केवल उनकी शारीरिक ज़रूरतों को पूरा करने का एक साधन हैं, बल्कि उनके आत्म-सम्मान और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने का भी एक माध्यम हैं। उनके अनुसार, उचित उपकरण इन समुदायों को एक स्वतंत्र और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करते हैं।
गौरतलब है कि सीआरसी सेंटर ठाकुरटोला महज एक संस्थान नहीं है, यह उम्मीदों का केंद्र है, जहां से हर जरूरतमंद व्यक्ति को अपने सपनों को पंख लगाने का मौका मिलता है। सीआरसी की डायरेक्टर स्मिता महोबिया जी कहती है कि “हर व्यक्ति में कुछ खास करने की शक्ति होती है, बस उन्हें थोड़े से सहारे और विश्वास की जरूरत होती है”। निश्चित रूप से सीआरसी सेंटर समाज में दिव्यांग सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की नींव रख रहा है।
संपर्क :
दिव्यांगजन कौशल विकास पुनर्वास एवं सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी)
गांव ठाकुरटोला, राष्ट्रीय राजमार्ग 53
राजनांदगांव, पिन कोड 491 441,
छत्तीसगढ़,
फोन: 07744 299927
ईमेल: crc.rjn2016@gmail.com