आत्मनिर्भरता,आत्मसम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक….दिव्यांगजन कौशल विकास पुनर्वास एवं सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) जहां हर दिव्यांग अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है

कमलेश यादव: दिव्यांगजन कौशल विकास पुनर्वास एवं सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) पूरे छत्तीसगढ़ में अपनी तरह का पहला और एकमात्र केंद्र है जो न केवल दिव्यांगजनों के लिए चिकित्सा और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम भी आयोजित करता है। ठाकुरटोला राजनांदगांव में स्थित यह केंद्र उन हजारों दिव्यांगजनों के लिए उम्मीद की किरण है जो अपने जीवन में चुनौतियों से लड़ते हुए आत्मनिर्भर बनने का सपना देखते हैं। सीआरसी से जुड़े दिव्यांगजन आत्मसम्मान के साथ अपना जीवन जीकर समाज में अपना उत्कृष्ट स्थान बना रहे हैं।

गौरतलब है कि इस बहुउद्देशीय सीआरसी सेंटर  ने समाज में दिव्यांगों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया है। यह एक ऐसा प्रेरणादायी मंच है जहां हर दिव्यांग व्यक्ति अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है। यहां उपलब्ध प्रमुख सुविधाओं में थेरेपी सेवाएं, श्रवण एवं वाक् सहायता, प्रास्थेटिक्स और आर्थोटिक्स, विशेष शिक्षा, सहायक उपकरणों का नि:शुल्क वितरण और जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं। इन सेवाओं के माध्यम से दिव्यांगजनों और उनके परिवारों का जीवन आसान और सम्मानजनक बना है।

यहां अध्ययनरत दिव्यांग ऋषि शास्त्री ने बताया कि यह सीआरसी सेंटर हमारे लिए वरदान है। इसका एकीकृत दृष्टिकोण न केवल शारीरिक और मानसिक पुनर्वास पर केंद्रित है, बल्कि दिव्यांगों को अपने कौशल को निखारने और अपने पैरों पर खड़े होने का अवसर भी प्रदान करता है। इस केंद्र में प्रशिक्षित दिव्यांगों ने न केवल अपने जीवन स्तर में सुधार किया है, बल्कि वे आत्मनिर्भरता की ओर भी बढ़ रहे हैं।

दिव्यांगजन एवं वृद्धजनों के लिए विशेष सेवाएं और सुविधाएं
सहायक उपकरण वितरण: आवश्यकता के अनुसार दिव्यांगजन और वृद्धजनों को निःशुल्क ट्राई-साइकिल, व्हीलचेयर, और अन्य सहायक उपकरण प्रदान किए जाते हैं।
शिक्षा और छात्रवृत्ति:दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए दो वर्षीय स्पेशल एजुकेशन डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध है।इस कोर्स में छात्रवृत्ति की सुविधा दी जाती है।दिव्यांगजन के लिए एडमिशन फीस पूरी तरह निःशुल्क है।
व्यावसायिक प्रशिक्षण:दिव्यांगजनों को उनकी योग्यता के आधार पर विभिन्न व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
निरामया स्वास्थ्य कार्ड: दिव्यांगजनों को चिकित्सा लाभ प्रदान करने के लिए विशेष स्वास्थ्य कार्ड।
स्वास्थ्य बीमा: एचडीएफसी एग्रो हेल्थ योजना के अंतर्गत दिव्यांगजनों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है।
विशिष्ट विकलांगता आईडी (यूडीआईडी): दिव्यांगजनों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र की सुविधा।
ये सेवाएं दिव्यांगजनों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रदान की जाती हैं।

यह सीआरसी केंद्र पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का प्रतीक बन गया है। डायरेक्टर स्मिता महोबिया कहती हैं किअगर सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले तो शारीरिक चुनौतियां किसी की प्रतिभा और क्षमता को सीमित नहीं कर सकतीं। यहां सपनों को नए पंख मिलते हैं। निश्चित रूप से सीआरसी केंद्र ने समाज में दिव्यांगों के लिए समावेश, समानता और सशक्तिकरण का एक अनूठा उदाहरण पेश किया है, जो पूरे छत्तीसगढ़ के लोगों को प्रेरित करता रहेगा।

दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समग्र क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी)
गांव ठाकुरटोला, राष्ट्रीय राजमार्ग 53
राजनांदगांव, पिन कोड 491 441,
छत्तीसगढ़,
फोन: 07744 299927
ईमेल: crc.rjn2016@gmail.com


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