India’s Integrated Protein Leader : दूरदर्शी नेतृत्व की मिसाल…उद्योग जगत के लिए एक प्रेरणादायक शख्सियत, आईबी ग्रुप के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्री बहादुर अली
कमलेश यादव: जो व्यक्ति सपनों और हकीकत के बीच के सफर में अपने विराट संकल्प के साथ निरंतर आगे बढ़ता है, वही वास्तव में सफलता की नई इबारत लिखता है। आज हम एक ऐसे शख्सियत की बात कर रहे हैं, जिन्होंने सबको साथ लेकर चलने के मूल सिद्धांत पर चलते हुए न सिर्फ खुद आगे बढ़े बल्कि हजारों लोगों की जिंदगी भी बदल दी। उनकी कंपनी देश की सबसे बड़ी प्रोटीन कंपनी बन गई है। हाल ही में हुए एक सर्वे में उन्हें छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर व्यक्ति के खिताब से भी नवाजा गया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं आईबी ग्रुप के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्री बहादुर अली की, जिनके लिए नियति ने भी कठिन परीक्षा लेनी चाही लेकिन वे स्वयं उसके लिए प्रश्न बन गए। उनकी दूरदर्शी सोच, कड़ी मेहनत और समर्पण ने आईबी ग्रुप को एक विशाल व्यापारिक साम्राज्य में बदल दिया हैं।
गौरतलब है कि आईबी ग्रुप की शुरुआत 1985 में एक छोटे पैमाने के पोल्ट्री व्यवसाय के रूप में हुई थी, लेकिन मशहूर उद्योगपति बहादुर अली की कड़ी मेहनत, दूरदर्शिता और सही व्यावसायिक निर्णयों ने इसे तेजी से आगे बढ़ाया। उन्होंने बाजार की जरूरतों और उपभोक्ताओं की मांगों को समझते हुए उद्योग के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया।
किसान और ग्रामीण बने सशक्त
आईबी ग्रुप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसने न केवल खुद को लाभ कमाने वाली कंपनी के रूप में विकसित किया है, बल्कि किसानों और ग्रामीणों को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहां के उत्पादों ने पोल्ट्री उद्योग में प्रगति की नई दिशाएँ खोलीं, जिससे देश भर के किसानों की आय में वृद्धि हुई है । 1999 में छत्तीसगढ़ के इंदामरा में पहला पोल्ट्री फीड प्लांट शुरू किया गया था। इस समूह का उद्देश्य न केवल अपने लाभ को बढ़ाना था, बल्कि किसानों की भलाई और समृद्धि में योगदान देना भी था।
आर्थिक विकास को बढ़ावा
समय के साथ, आईबी ग्रुप ने फ़ीड उत्पादन के अलावा प्रोटीन-आधारित उत्पादों का उत्पादन भी शुरू कर दिया और आज 26 राज्यों में 15,000 कर्मचारियों और 300,000 से अधिक किसानों के साथ डेयरी, कृषि और अन्य क्षेत्रों में कार्य की एक विस्तृत श्रृंखला तैयार की है। इस विस्तार ने न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है, बल्कि हज़ारों लोगों के लिए रोज़गार के नए अवसर भी पैदा किए हैं।
पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक जिम्मेदारी
आईबी ग्रुप के संस्थापक बहादुर अली की सोच और दृढ़ निश्चय ही इस सफलता की नींव है। उन्होंने हमेशा गुणवत्ता और नवाचार पर जोर दिया, जिसके कारण इस समूह ने भारतीय बाजार में तेजी से पहचान बनाई। इसके अलावा उन्होंने अपनी कंपनी में पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक जिम्मेदारी को भी प्राथमिकता दी, जो आज की दुनिया में व्यापार की सबसे बड़ी जरूरत है।
शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार
उद्योगपति बहादुर अली ने हमेशा शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उनका मानना है कि कोई भी व्यक्ति शिक्षा से वंचित न रहे। इसी उद्देश्य से शिक्षा के क्षेत्र में एक सशक्त पहल के रूप में अजीज पब्लिक स्कूल की स्थापना की गई है, जिसका उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और समग्र शिक्षा प्रदान करना है। यह स्कूल छात्रों को आधुनिक तकनीक, नैतिक मूल्यों और नेतृत्व कौशल से लैस करके उन्हें बेहतर भविष्य के लिए तैयार करता है। उद्योगपति बहादुर अली की इस पहल से शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है और समाज के कमज़ोर वर्ग के बच्चों को बेहतरीन अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
आज आईबी ग्रुप अपने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए पूरे देश में जाना जाता है। यह सफलता सिर्फ़ एक व्यक्ति या कंपनी की नहीं है, बल्कि उस समाज की भी है जिसे इस सफ़र से फ़ायदा मिला है। आईबी ग्रुप की यह प्रेरणादायक कहानी बताती है कि जब लगन, कड़ी मेहनत और सही नेतृत्व का मेल हो तो असंभव भी संभव हो सकता है। साथ ही उन सभी नवोदित उद्यमियों के लिए एक मिसाल है जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।
उद्योगपति बहादुर अली एक ऐसे कुशल नेतृत्वकर्ता हैं, जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और व्यावसायिक दूरदर्शिता से एक छोटे से पोल्ट्री व्यवसाय को उद्योग जगत में एक अग्रणी ब्रांड में बदल दिया। उन्होंने न केवल आधुनिक कृषि को बढ़ावा दिया, बल्कि समाज को सशक्त बनाने में भी अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व कौशल ने कंपनी को सतत विकास, नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, जो आज उद्योग जगत के लिए एक प्रेरणा है। सत्यदर्शन लाइव उनके काम की सराहना करता है।
( इस स्टोरी के संकलन में वरिष्ठ अधिवक्ता एजाज सिद्दीकी जी का विशेष योगदान है )