समृद्धि की राह…हर दिन एक नया सबक है, और हर फसल में मेरे सपनों की सींचन…लहलहाते खेत नवाचारी किसान कुशल पटेल की मेहनत की कहानी बयां करती हैं
कमलेश यादव : मानव अपनी इच्छाशक्ति और परिश्रम से कुछ भी प्राप्त कर सकता है। कुछ ऐसा ही किया है नवाचारी किसान कुशल पटेल ने। उन्होंने कई ऐसी ज़मीनों को, जो खेती के लिए उपयुक्त नहीं थीं, हरे-भरे सब्ज़ियों के खेतों में बदल दिया है। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के धार्मिक नगर डोंगरगढ़ के ग्राम चिद्दों के आसपास की 100 एकड़ से ज़्यादा भूमि उनकी मेहनत की कहानी बयां करती है। एक साधारण किसान से असाधारण व्यक्तित्व बनने तक का कुशल पटेल का सफर काफी प्रेरणा से भरा रहा है। उन्होंने अपने जीवन की कठिनाइयों को अवसरों में बदला और आत्मनिर्भर कृषि का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया हैं।
गौरतलब है कि कुशल पटेल का बचपन आर्थिक तंगी में बीता, जिसका असर उनकी शिक्षा पर पड़ा। परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उन्हें कम उम्र में ही काम करना पड़ा। वे गांव में गाय चराने का काम करते थे और इसी दौरान उन्होंने खेती-किसानी की बारीकियां सीखीं। सात साल तक यह काम करने के बाद वे बेहतर रोजगार की तलाश में मुंबई चले गए। वहां उन्होंने मजदूरी की, लेकिन उनका दिल हमेशा गांव और खेती में ही लगा रहा। कुछ समय बाद वे अपने गांव लौट आए और खेती-किसानी का नया काम शुरू किया।
कुशल पटेल कहते हैं कि संघर्ष बचपन से ही मिला है इसी कारण मैं मजबूत हुआ हूँ। जब भी मैं अपने पिता श्री मदन पटेल को मेहनत करते देखता तो मुझे कुछ नया करने का मन करता है। मेरी माँ श्रीमती आशो बाई पटेल भी बहुत कम संसाधनों में पूरा घर संभालती थीं। मुझे जो भी काम मिला है, मैंने उसे यथासंभव बेहतर तरीके से करने की पूरी कोशिश की है।
उन्होंने मात्र 70 डिसमिल जमीन से खेती शुरू की थी। शुरुआती संघर्षों के बाद, कुशल पटेल ने खेती के पारंपरिक तरीकों से हटकर आधुनिक तकनीकों को अपनाया। उनकी मेहनत रंग लाई और धीरे-धीरे उन्होंने अपनी जमीन को 150 एकड़ तक बढ़ा लिया। आज, वह आधुनिक, कंप्यूटरीकृत तरीकों का उपयोग करके केले, लौकी और टमाटर जैसी फसलों की खेती करते हैं। उनकी फसलें न केवल स्थानीय बाजारों में बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में भी पहुँचती हैं।
प्रेरणास्रोत
मेहनतकश किसान कुशल पटेल का मानना है कि गरीबी उनके जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा रही है। संघर्ष ने उन्हें जीवन में और अधिक मेहनत करने और कुछ अलग करने की ताकत दी। वे धर्मेंद्र भैया और नरबद चाचा के मार्गदर्शन को अपने सफर का अहम हिस्सा मानते हैं, जिनकी सलाह और प्रेरणा ने उन्हें सही दिशा दी।
रोजगार देकर कर रहे लोगो की मदद
कुशल पटेल की खेती ने 90 मजदूरों को रोजगार दिया, जिससे उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित हुआ है । यह उनकी दूरदर्शिता और सामाजिक समर्पण का जीता जागता उदाहरण है। वह कहते है कि, रोजगार मुहैया कराना सिर्फ आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि जीवन बदलने का जरिया भी है। आज उनके खेत और फसलें दूर-दूर तक प्रसिद्ध हैं और आस-पास के क्षेत्रों से किसान खेती-किसानी की जानकारी और मार्गदर्शन के लिए उनके पास आते हैं।
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है। यह न केवल सभी लोगो को नित्य भोजन प्रदान करती है, बल्कि खेती रोजगार तथा जीवन निर्वाह का साधन भी हैं। कुशल पटेल की कहानी यह दर्शाती है कि कैसे दृढ़ निश्चय, संघर्ष और नवाचार से कोई भी व्यक्ति अपनी परिस्थितियों को बदल सकता है। उनका सफर उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने का साहस रखते हैं।
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