मातलाम की डायरी…माड़: हमारे अस्तित्व का आधार “प्रकृति की गोद” में सादगी और संतुलन से भरी आदिवासी जीवनशैली
सुनती मातलाम (आंचल) : मानव मन में हमेशा यह जानने की उत्सुकता बनी रहती है कि क्या छिपा है, क्या अनदेखा है, और क्या अनजाना है । इसी तरह, आदिवासी जीवन पर कई लेख और कहानियाँ जानने के लिए लोग हमेशा उत्सुक रहते हैं। मैं नारायणपुर जिले के आदिवासी समाज की लड़की हूँ। मैं एक मामूली स्वास्थ्य कार्यकर्ता हूँ और मैं वही लिखने की कोशिश करती हूँ जो मैंने खुद जीया है। दरअसल, नारायणपुर जिले के माड़ क्षेत्र की जीवनशैली आज भी अद्भुत और प्रेरणादायक है।
आदिवासियों की सरलता मन को छू जाती है
नारायणपुर जिले का सुदूर वनांचल क्षेत्र, जिसे माड़ कहा जाता है, अपनी अद्वितीय विशेषताओं के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ के गहरे जंगलों में बसा हुआ है, जहां की प्राकृतिक सुंदरता और वहां के आदिवासियों की सरलता मन को छू जाती है। माड़ के आदिवासी, प्रकृति के साथ एक अद्भुत सामंजस्य में रहते हैं। उनकी जीवनशैली में एक विशेष प्रकार की सादगी और प्रेम झलकता है।
कंद- मूल
माड़ के आदिवासी समाज की जीविका का मुख्य साधन खेती और जंगल से प्राप्त संसाधन हैं। वे अपने दैनिक जीवन में प्रकृति के करीब रहते हैं और उसकी हर नेमत को संभालकर उपयोग में लाते हैं। यहां की धरती से मिलने वाली हर चीज़, चाहे वह कंद- मूल हो या फल, उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। महुआ और तेंदू पत्ते से जुड़ी गतिविधियां इन्हें आत्मनिर्भर बनाती हैं।
प्रकृति की पूजा, नृत्य, और संगीत
आदिवासी घर, जो मिट्टी और बांस से बने होते हैं, दिखने में भले ही साधारण लगें, पर उनकी रचना और उनका निर्माण वातावरण के अनुकूल होता है। ये लोग सदियों से इस क्षेत्र में बसते आ रहे हैं और उनके रीति-रिवाज, त्योहार और धार्मिक आस्थाएं उनकी संस्कृति को अद्वितीय बनाती हैं। आदिवासी समाज अपने त्योहारों को बड़े ही हर्षोल्लास से मनाते हैं, जहां प्रकृति की पूजा, नृत्य, और संगीत का विशेष महत्व होता है।
गहरा प्रेम और विश्वास
माड़ के आदिवासी समाज में सभी लोग एक-दूसरे के साथ सहयोग और सौहार्दपूर्ण ढंग से रहते हैं। उनके संबंधों में एक गहरा प्रेम और विश्वास दिखाई देता है, जो बाहरी दुनिया की व्यस्तता और स्वार्थ से कोसों दूर है। उनकी मुस्कान और मेहमाननवाजी किसी भी आगंतुक का दिल जीत लेती है।
जीवनशैली को संरक्षित रखा जाए
इनकी सादगी और प्रेम से भरी जीवनशैली, आधुनिक जीवन की जटिलताओं से मुक्त है। यद्यपि यह क्षेत्र विकास से काफी दूर है, परंतु यहाँ के लोगों का प्राकृतिक परिवेश और शांतिपूर्ण जीवन एक अनमोल धरोहर है। जैसे-जैसे बाहरी दुनिया इस क्षेत्र की ओर आकर्षित हो रही है, यह महत्वपूर्ण है कि माड़ की संस्कृति और आदिवासियों की विशिष्ट जीवनशैली को संरक्षित रखा जाए।
हमारे अस्तित्व का आधार प्रकृति
माड़ के आदिवासी हमें यह सिखाते हैं कि जीवन को जटिल बनाने की बजाय उसे सरलता और संतुलन के साथ जीने में ही असली सुख है। प्रकृति की गोद में वह सभी रहते हैं , जो उनके दिल को शांति और सुकून से भर देती है। समाज के साथ एक दूसरे के सहयोग से पूरा गांव मिलकर जीवन जीते हैं। इनकी जीवनशैली, हमें प्रकृति के करीब लाती हैं और यह सिखाती हैं कि हमारे अस्तित्व का आधार प्रकृति ही है।