हल्बी साहित्यनामा…छत्तीसगढ़ के पुराने बस्तर स्टेट की राजभाषा रही हल्बी आज भी वहां कि आंचलिक साहित्य के साथ-साथ वैश्विक पटल पर भी हल्बी को लेकर काम हो रहे हैं,हल्बी पर साहित्य सृजन हो रहा है,कई उम्दा और नामी कलमकार हल्बी में लिख रहें जिनकी साहित्य में दस्तक को नकारा नहीं जा सकता | छत्तीसगढ़ बस्तर के ऐसे ही अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर मशहूर लेखक हल्बी के सशक्त हस्ताक्षर विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर की कलम से….हल्बी कहानी .. बायले चो मोबाइल

1136

आज हम पढ़ेंगे,,,नारी की महानता की मार्मिक कहानी जो हर घर परिवार में आसपास यहीं कहीं रोज पति पत्नी के बीच घटित होता रहता है…. यह भी सच है कि साहित्य समाज का दर्पण भी होता है,ऐसी ही कुछ जमीनी हकीकत से रूबरू कलम की दस्तक… आइये पढ़ते हैं…. हल्बी कहानी .. बायले चो मोबाइल |

हल्बी कहनी
बायलेे,,,,चो मोबाइल
=================

बायले चो मोबाइल ने आज काचो मैसेज इली गुने,मोबाइल के ब्लाउज ने भरली | मने मन बिचार आइग धरेसे,मने मन चिड़खा उठेसे,मान्तर कसन ने असन लागेसे,बामन चो मूसा खादलो असन लागेसे,मन ने चींव ना चांव | असन तो केबे नी लागे कि सोमारी मके छाडूंन अउर कोनी के बले मया करेसे होती ? येबे इतरो उमर ने कोन नंजरायसे सोमारी के ? मान्तर मके तो सुरता आसे कि सोमारी के केबे कोनी वाट्सअप ने असन काई नी पठाला होती जेके दखातो काजे मोचो ले मोबाइल के लुकाती ? कांई तो गोठ आसे इता ? होउक सके जवंरिया कालेज चो कोनी जूना मया करू होउक सके ? मन तो बलेसे मान्तर कसन बिसवास करें,परछट दखलो बिगर ? काय ये झूठ रली कि मके दखते मोबाइल के सोमारी ब्लाउज ने भरून दिली | सोमारी चो पेटे कसर नी रली जाले फेर कसन ने मके मोबाइल के नी दखाली ? मके तो दखाक सकती चे ? येई चे गुपलो बुद्धि ने मय बाटा भात के सारलें | बायले चिट नी करे टुकुर-टुकर ओगाय हउन दखते चे रहे |

मय केबे इतरो दांय ले टीबी लगे नी बसें | मान्तर धियान तो मोबाइल ने चे रली आरू टीबी चो रिमोट धरून चैनल बदलुन-बदलुन रहें | सोमारी चो करलो ससरंग के दखुन मोचो भीतरे तो आइग छपचते जाय | मने मन कांई होलोने बले आज तो मोबाइल के दखेंदे चे ता,आखिर उता आसे काय? काय लिखली से? कोन लिखलो से? कितरो बिचार ले मय बया असन होउन गेलें,बिरखा ने बिर बिटाल साप चाबुक खोजेसे,इरखा आरू कोर चो मने-मने बम फूटेसे | ये बेरा मय आपने के दखी होंये तो मय दुख आरू चांड बुद्धि ने कसन हउ रहें खुदे के चीनुक नी सकतें | गागतो काजे गागी नी होये ना,खुदूर बुदूर मन करे |

मय मन भर बिचार करलें,कि काय करें कसन करें? रिस काजे तो थर थरें फेर बिगर बल चो काय करें,मोचो हात थर थरे | लागली कि बायले सवली से मय ओगाय खुस ने बायले चो ब्लाउज ने खोचलो मोबाइल के निकरालें | दुआरे निकरलें आरू बिजली उजर ने कोनटी ने जाउन दखेंसे, आरू जमाय वाट्सअप मैसेज के सुतरालें,हिम्मत बांदून पढ़ेसे मान्तर जीव धकधकेसे | मोचो कुटुम परिवार के छांडे काचोय कांई मेसेज नी रली फेर काय के लुकाते रली? गोटोक नवा आजी मेसेज येउ रली,हुन सतरी चो मेसेज रली,मेसेज के दखलें,,,उता लिखू रहे कि बड़े लेका गोटोक केस ने फंसलो से पुलिस येउ रली धरून ठाना ने निली से,बलते रला कि जेहेल होयदे बलून | मय खिसियालें,मोचो मु ले आलका नी फूटे | मय जानलें कि आपलो भाई चो नसलो गोठ के कसन बायले आपलो मुनीस के सांगती | मेसेज के पड़ुन मय मोचो मने इलो बिचार काजे खुबे लाज लागली | बायले चो मोबाइल के हुनचो मुंडउसा चो खाले धीरे ले सरकउन दिलें,आरू बे फिकर होउन सउन दिलें | मान्तर ये मय दखुक नी पावलें कि कि सोमारी चो छिडा-छिडा चीम-चाम लिमलो आंखी ले नींद बारा कोस दूर होली से | हुनचो आंखी ले नींद पराली से |
✍️ मुस्कुराता बस्तर

Live Cricket Live Share Market