कमलेश यादव : बचपन से ही मुझे दूसरों की मदद करने का शौक था। मैं, रजनी वारवानी, जोधपुर में रहती हूँ, और मेरे दोस्त मुझे प्यार से ‘वाणी’ कहकर बुलाते हैं। यह कहानी मेरी जीवन यात्रा की है, जिसने मेरी ज़िंदगी को बदल दिया और मुझे सच्ची खुशी का एहसास कराया।
जब मैं अपने शहर में घूम रही थी, मैंने देखा कि झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोग बेहद परेशानी में थे। सभी की हालत देखकर मेरा दिल भर आया। मैंने तुरंत सभी से बात की और जाना कि कुछ लोग वृद्धावस्था के कारण काम नहीं कर पा रहे थे और उन्हें दवाइयों और राशन की ज़रूरत थी।
मैंने अपनी छोटी सी बचत से जरूरतमंदों की मदद करनी शुरू की। शुरुआत में अकेले ही गरीब बच्चों को शिक्षा सामग्री, महिलाओं को रोजगार के साधन और बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की। धीरे-धीरे इस पहल को समाज में पहचान मिलने लगी और लोग मदद के लिए आगे आने लगे।
यह केवल शुरुआत थी। मैंने देखा कि हमारी छोटी सी पहल ने न केवल उन लोगों की जिंदगी बदल दी, बल्कि मेरे भीतर भी एक नई ऊर्जा भर दी। इससे प्रेरित होकर, मैंने नियमित रूप से जरूरतमंद लोगों के लिए काम करना शुरू किया।
मेरी सहायता की यह यात्रा अब मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। यह न केवल मुझे आत्म-संतोष देती है बल्कि मुझे यह भी एहसास कराती है कि हमारे छोटे-छोटे प्रयास कितने बड़े बदलाव ला सकते हैं। लोगों की मदद करना मेरे लिए एक साधारण काम नहीं बल्कि मेरी ज़िंदगी का उद्देश्य बन गया है।
उनकी सेवाओं के परिणामस्वरूप, कई महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया और बच्चों को एक बेहतर भविष्य की दिशा मिली। रजनी का मानना है कि किसी भी समाज की उन्नति तब तक संभव नहीं है जब तक उसके हर सदस्य को समान अवसर और सुविधाएं नहीं मिलतीं।
रजनी वरवानी की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची सेवा और निस्वार्थ भाव से की गई मदद से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। उनका जीवन एक प्रेरणा है और उनकी सेवाएं समाज के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान हैं। उनके कार्यों ने यह साबित कर दिया है कि नारीशक्ति किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है और समाज में बदलाव ला सकती है।