
शख्सियत…छत्तीसगढ़ की जनता के विश्वास और प्यार को वह अपने लिए सबसे बड़ा सम्मान मानते हैं…एक छोटे से गांव से अपना सफर शुरू कर डॉ. रमन सिंह ने लोगों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया है
कमलेश यादव : छत्तीसगढ़ में चारों ओर हरियाली बिखरी हुई है, बाग-बगीचे, खेत-खलिहान और हर आंख में अपनेपन का एहसास है। छत्तीसगढ़ की धरती पर मेहनतकश ऐसे लोग हैं जो सूर्योदय के साथ ही पवित्र नदियों में स्नान करके दिन भर पसीना बहाते हैं।आज हम बात करेंगे एक ऐसी शख्सियत के बारे में जिन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों की सेवा में अपनी जिंदगी न्यौछावर कर दी हैं। वे सेवा को अपना धर्म मानते है, यही कारण है कि जब भी छत्तीसगढ़ की राजनीति में सादगी और सेवा की बात होगी तो डॉ. रमन सिंह का नाम पहले स्थान पर होगा।गाँव के साधारण परिवार में जन्में डॉक्टर रमन सिंह में संकटो को सुलझाने की काबिलियत और मजबूत फैसले लेने की उनकी अद्भुत क्षमता ऐसी बातें उन्हें बाकी राजनेताओं से अलग करती हैं।
15 अक्टूबर 1952 की वह सुनहरी सुबह,कबीरधाम (कवर्धा) जिले के ग्राम ठाठापुर में, जब इस असाधारण प्रतिभा का जन्म हुआ। साधारण ग्रामीण जीवनशैली में पले-बढ़े डॉ. रमन सिंह ने अपने काम से करोड़ो आंखों को बड़े सपने देखने की प्रेरणा दी है।1975 में आयुर्वेदिक मेडिसिन में बी.ए.एम.एस. की उपाधि प्राप्त की।पिता स्वर्गीय विघ्नहरण सिंह और उनकी मां स्वर्गीय सुधा सिंह ने उन्हें अनुशासन और मूल्यों की शिक्षा दी है. वे कहते है कि आज भी उनकी बातें मेरे जेहन में गूंजती रहती हैं. पिता जी अक्सर कहा करते थे, “एक अच्छा और योग्य इंसान बनकर मौका मिले तो जरूरतमंदों की निःस्वार्थ सेवा करना यही ईश्वर की सेवा होगी”।
राजनीतिक सफर
डॉक्टर रमन सिंह ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनसंघ के युवा सदस्य के तौर पर की थी। रमन सिंह 1990 और 1993 में मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। उसके बाद सन् 1999 में वे लोकसभा के सदस्य चुने गये। वर्ष 1999 में हुए राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़ से लोकसभा चुनावों में जीत मिलने के बाद उनके राजनैतिक कॅरियर को एक नया आयाम मिल गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने उन्हें अपनी सरकार में वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री बनाया।
2003 में जब छत्तीसगढ़ राज्य का पहला चुनाव होना निश्चित हुआ तो भारतीय जनता पार्टी में ऐसे व्यक्ति की तलाश हुई जो चुनावों से पूर्व के निर्णायक महीनों में पार्टी संगठन को गतिशील कर सके। संगठन क्षमता और सबको साथ लेकर चलने की दक्षता से संपन्न डॉ॰ रमन सिंह को यह दायित्व सौंपा गया। पहली बार भाजपा को छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बड़ी सफलता मिली। एक दिसम्बर 2003 को छत्तीसगढ़ के इतिहास में भाजपा के विजय दिवस के रूप में दर्ज किया गया। डॉ॰ रमन सिंह छत्तीसगढ़ के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री बने।
छत्तीसगढ़ के सवा दो करोड़ लोगों का विश्वास और प्यार को वे अपने लिए सबसे बड़ा सम्मान मानते हैं। इसी विश्वास ने डॉ. रमन सिंह को मुख्यमंत्री के रूप में लगातार 15 वर्षों तक गतिशील रखा। विकासपथ के इस राही की नजर सदैव अपनी मंजिल पर रही जो था छत्तीसगढ़ का समग्र विकास। 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. रमन सिंह का गौरवशाली कार्यकाल पूरा हुआ।