
वनौषधि पादप बोर्ड ने की अभिनव पहल…किसानों के खाली पड़ी भूमि पर लगवाएं जा रहे हैं चंदन के पौधे…शुरुआत में 100 गांवों में चंदन क्रांति का लक्ष्य रखा गया
रायपुर : वनौषधि पादप बोर्ड ने अभिनव पहल की है जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 100 गांवो में चंदन क्रांति का लक्ष्य रखा गया है।चंदन के पौधे किसानों के घर के पास खाली पड़ी भूमि पर लगवाएं जा रहे हैं,जो कि ज्यादातर खाली पड़े रहते हैं।चंदन पौधों के साथ टिशू कल्चर सागौन का रोपण किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए 10-10 पौधे लगवाएं जा रहे हैं,जिसे भविष्य में और आगे बढ़ाया जाएगा।
वनौषधि पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जेएससीएस राव ने बताया कि आने वाले दिनों में इसे व्यापक स्तर पर गांवों में चंदन के पौधे लगवाएं जाएंगे।ज्ञात हो कि विभाग के द्वारा किसानों को निःशुल्क पौधे दिए जा रहे हैं।चंदन का विश्व में अपना अलग स्थान हैं।साथ ही इसका आर्थिक महत्व भी है।इस वृक्ष के आयु वृद्धि के साथ इसके तनों व जड़ों की लकड़ी में सुगन्धित तेल की मात्रा बढ़ने लगती हैं।विदेशों में भी इसकी काफी डिमांड हैं।एक पौधे के परिपक्व होने में लगभग 15 वर्ष का समय लगता हैं।
चंदन के पौधे वाणिज्यिक दृष्टि से महत्व यह है कि विश्व बाजार में चंदन की कीमत लगभग 6000 से 7000 रुपये प्रति किलो हैं।एक चंदन के पेड़ से लगभग 15 से 20 किलो हार्ड वुड प्राप्त होता हैं।यानि एक पेड़ से एक लाख तथा पांच पौधों से पांच लाख रुपये तक कि आय प्राप्त हो सकती हैं।