
श्री हरिराम मानकर जी में अपने ग्राहकों की जरूरतों को समझने की अद्वितीय प्रतिभा है…उनके द्वारा बनाए गए जूतों की प्रत्येक जोड़ी पहनने वाले के व्यक्तित्व और सपनों का प्रतिबिंब है…”हरिराम बूट हाउस” संस्कारधानी के लोगों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रहा है
कमलेश यादव :एक अकेला व्यक्ति क्या नहीं कर सकता,यह वाक्य हरिराम मानकर जी पर बिल्कुल सटीक बैठता है।जिन्होंने कड़ी मेहनत,समर्पण और दृढ़ संकल्प के माध्यम से वह हासिल किया जो उन्होंने सपना देखा था।यह कहानी एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरिराम मानकर की है।वह बचपन में ट्रेनों में बूट पॉलिश करने का काम करते थे।तमाम संघर्षों के बाद आज वह अपनी खुद की जूते की दुकान से अपने परिवार की आजीविका चला रहे हैं।हरिराम बूट हाउस पिछले 15 वर्षों से संस्कारधानी राजनांदगांव के जयस्तंभ चौक के पास कल्याण मार्केट में लोगों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रहा है।
सत्यदर्शन लाइव से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि पिता स्व. श्री कालिदास मानकर बीएनसी मिल में कार्यरत थे।वह खुद पढ़ाई के साथ-साथ लोकल ट्रेन में बूट पॉलिश के लिए निकल जाते थे।वे कहते है कि जिंदगी से बहुत कुछ सीखने को मिला है।कई चुनौतियों और असफलताओं का सामना करने के बावजूद हरिराम ने कभी हार नही मानी।वह पढ़ाई के साथ-साथ घर में आर्थिक मदद भी करते थे।
जूते की दुकान खोलने से पहले उन्हें खुद को आधुनिकता के अनुरूप ढालना पड़ा।आज की पीढ़ी के मुताबिक जूतों की बारीकियों को समझने के लिए उन्होंने आगरा में काम सीखा।एक छोटी सी गुमटी से शुरू किया कारोबार आज काफी लोकप्रिय हो गया है। यहां हर वर्ग के ग्राहक जूते-चप्पल खरीदने आते हैं।सबकी संतुष्टि मन को शांति देती है।
श्री हरिराम मानकर की उम्र 60 वर्ष से ऊपर हो रही है लेकिन वे आज भी सुबह 10 बजे से देर रात तक कड़ी मेहनत करते हैं।लोग पूछते हैं कि आप इतना सारा काम बिना रुके कैसे कर लेते हैं, तो मुस्कुराते हुए जवाब देते हैं कि परिवार की जिम्मेदारी मुझे हमेशा प्रेरित करती है।वे अक्सर कहते है कि मैं कभी भी कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटा हूं।हमें अपनी मदद खुद करनी होगी। इसके लिए निरंतरता बहुत जरूरी है।
हम किसी भी काम को छोटा बड़ा आंक लेते हैं लेकिन असल में काम छोटा या बड़ा नहीं होता बल्कि उसे करने वाले की सोच और नजरिया इसे छोटा बड़ा बनाते हैं। अगर किसी छोटे काम को भी बड़ी सोच के साथ किया जाए तो वो काम समय के साथ खुद बड़े स्तर तक फैल जाता है…हरिराम मानकर
श्री हरिराम मानकर जी में अपने ग्राहकों की जरूरतों को समझने की अद्वितीय प्रतिभा है।उनके द्वारा बनाए गए जूतों की प्रत्येक जोड़ी सिर्फ एक वस्तु नहीं बल्कि पहनने वाले के व्यक्तित्व और सपनों का प्रतिबिंब है।उनकी संघर्षपूर्ण कहानी लोगों को यह सीखने में मदद करती है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और नई सोच से हम किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं।अगर आप भी इस दुकान से जूते खरीदना चाहते हैं तो 8602690346 पर संपर्क कर सकते हैं।