जिंदगी और जमाने की,कशमकश पहले भी थी,आज भी है,शायद ज्यादा…कल भी होगी,शायद और ज्यादा

“जिंदगी और जमाने की कशमकश
से घबराकर
मेरे बेटे मुझसे पूछते हैं कि
हमें पैदा क्यों किया था?

और मेरे पास इसके सिवाय
कोई जवाब नहीं है
कि मेरे बाप ने मुझसे बिना पूछे
मुझे पैदा किया था

और मेरे बाप को उनके बाप ने
बिना पूछे और
उनके बाबा को बिना पूछे उनके
बाप ने पैदा किया था।

जिंदगी और जमाने की
कशमकश पहले भी थी,
आज भी है, शायद ज्यादा…
कल भी होगी, शायद और ज्यादा…

तुम ही नई लीक धरना,
अपने बेटों से पूछकर उन्हें पैदा करना।”

हरिवंशराय बच्चन


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