
हर व्यक्ति को तंबाकू-मुक्त स्वच्छ हवा मिलनी चाहिए…लेकिन लोग मानते कहां हैं,जहां मन किया, बस निकाली सिगरेट और फूकने लगे…आसपास खड़ा व्यक्ति भी उस धुएं को अपनी सांस के साथ लंग्स में ले रहा होता है…उसे भी इससे उतना ही नुकसान होता है
स्मोकिंग का ट्रेंड और चस्का लोगों को इस कदर है कि अब तो ऑफिस, हॉस्पिटल, मॉल में स्मोकिंग जोन या स्मोकर्स केबिन बन गए हैं।स्मोकिंग जोन का बनना भी लाजमी है। इससे कम से कम पैसिव स्मोकिंग का खतरा तो कम हो जाएगा।लेकिन लोग मानते कहां हैं, जहां मन किया, बस निकाली सिगरेट और फूकने लगे।WHO के मुताबिक तंबाकू से हर साल करीब 80 लाख लोगों की मौत होती है, इसमें से 12 लाख लोग पैसिव स्मोकिंग कर तंबाकू का कंजप्शन करने वाले हैं।
आज 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे पर जानेंगे कि पैसिव स्मोकिंग क्या होती है और ये हेल्थ के लिए कितना डेंजरस है।
सवाल: ये पैसिव स्मोकिंग क्या होती है?
जवाब: अगर कोई व्यक्ति टोबैको प्रोडक्ट से स्मोकिंग करता है, उसे तो इससे नुकसान होना ही है, लेकिन उसके साथ या आसपास खड़ा व्यक्ति भी उस धुएं को अपनी सांस के साथ लंग्स में ले रहा होता है। उसे भी इससे उतना ही नुकसान होता है। इसे ही पैसिव स्मोकिंग या सेकेंड हैंड स्मोकिंग कहते हैं।
सवाल: क्या पैसिव स्मोकिंग भी उतनी ही डेंजरस है जितनी स्मोकिंग होती है?
जवाब: हां बिल्कुल। इसके भी वही नुकसान हैं जोकि स्मोकिंग करने वाले को होते हैं। इससे कई बीमारियां हो सकती हैं।
सवाल: अच्छा तो पैसिव स्मोकिंग से कौन सी बीमारियों के होने का खतरा होता है?
जवाब: इससे लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और लंग्स से रिलेटेड बीमारियों के होने का रिस्क रहता है।
सवाल: मैं प्रेग्रेंट हूं, मेरे पति दिन में 6-7 सिगरेट पीते हैं इससे मेरे होने वाले बच्चे पर क्या असर होगा?
जवाब: पैसिव स्मोकिंग से प्रेग्नेंट महिला के साथ गर्भ में पल रहे बच्चे को भी नुकसान पहुंचता है। गर्भ में बच्चे के लंग्स डेवलेप होते हैं और उनके सांस लेने की स्पीड भी तेज होती है।जिससे जब बच्चे का जन्म होता है तो लंग फंक्शन और ब्रेन डेवलपमेंट में गड़बड़ी की वजह से वे बार बार बीमार पड़ सकते हैं। यह कई बार सडन इन्फैंट डैथ सिंड्रोम का कारण बन सकता है। इसमें पैदा हुए बच्चों की एक साल के अंदर बिना किसी कारण मौत हो सकती है।
सवाल: मेरे घर में छोटे बच्चे हैं उन पर पैसिव स्मोकिंग का क्या कोई असर होगा?
जवाब: बच्चों में बड़ों के मुकाबले पैसिव स्मोकिंग का असर ज्यादा होता है। क्योंकि बच्चे बड़ों की तुलना में सांस ज्यादा तेजी से लेते हैं।इससे बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। सुनने की क्षमता कम हो जाती है, वे बहरे भी हो सकते हैं।इसके अलावा भी छोटे बच्चों को कई परेशानियां हो सकती हैं।
कान में इन्फेक्शन
बार-बार बीमार पड़ना
निमोनिया
पैंक्रियास और किडनी में प्रॉब्लम
मुंह और गले में प्रॉब्लम
WHO के मुताबिक पैसिव स्मोकिंग से दुनिया भर में हर साल 65 हजार बच्चों की मौत होती है।
सवाल: अच्छा तो जो महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हैं उन्हें पैसिव स्मोकिंग से नुकसान नहीं होता है?
जवाब: ऐसा बिल्कुल नहीं है। इससे महिलाओं को बेबी कंसीव करने में काफी परेशानी हो जाती है।टोबैको कंट्रोल जर्नल की रिसर्च के मुताबिक पैसिव स्मोकिंग से इफेक्ट हुई महिलाओं को प्रेग्नेंट होने यानी गर्भधारण करने में प्रॉब्लम हो सकती है। उनके एग काउंट में भी कमी आ सकती है। 50 साल की उम्र से पहले मेनोपॉज हो सकता है।
सवाल: पैसिव स्मोकिंग से कैसे बचें?
जवाब: WHO के अनुसार ”हर व्यक्ति को तंबाकू-मुक्त स्वच्छ हवा” मिलनी चाहिए।
पैसिव स्मोकिंग से बचने के लिए इन पॉइंट्स को ध्यान में रखें…
स्मोकर्स से दूर रहें
स्मोकर से जितनी हो सके उतना दूर रहने की कोशिश करें।
किसी ऐसी जगह पर जाएं जो स्मोक-फ्री हो।
घर में कोई स्मोक करे, तो उसे बाहर जाकर स्मोक करने को कहें।
स्मोकिंग एरिया में न जाएं
उन रेस्टोरेंट या बार में जाने से बचें, जहां स्मोकिंग होती है।
धुंए वाली जगहों पर स्मोक फिल्टर मास्क यूज करें।
स्मोक एडिक्टेड ग्रुप या सोशल गैदरिंग में जाने से बचें।
सवाल: पैसिव स्मोकिंग से अपनों को बचाने के लिए स्मोकिंग कैसे छोड़ें?
जवाब: नीचे बताई गई टिप्स से आप खुद को स्मोकिंग से और अपनों को पैसिव स्मोकिंग से बचा सकते हैं।
रोज सुबह उठकर 5-10 मिनट तक डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। दिनभर 3-4 बार खुली हवा में गहरी सांस लें।
डाइट में विटामिन सी, अदरक, ग्रीन टी, पनीर, फल और हरी सब्जियां शामिल करें। इससे स्मोकिंग की तरफ अट्रैक्शन खत्म होने लगता है।
स्ट्रेस कम करने के लिए स्मोकिंग करने वाले लोग शरीर को आराम दें। उस काम को करें, जो पसंद है- मेडिटेशन, डांस, गाना, पेंटिंग कुछ भी।
दोस्तों-यारों से मिलना-जुलना शुरू करें। लाइफ पार्टनर और बच्चों के साथ टाइम स्पेन्ड करें।
दिमाग शांत रखने के लिए कम से कम 8 घंटे की नींद लें। लाइफ स्टाइल का ध्यान रखें।
उन सभी लोगों से दूरी बना लें, जो स्मोकिंग के लिए आपको उकसाएं। अपने दिमाग में स्मोकिंग का जिक्र ही न आने दें।
सवाल: कई लोग स्मोकिंग छोड़ने के लिए वैपिंग यूज करते हैं, ये करना सही है क्या?
जवाब: वैपिंग यानी ई-सिगरेट। नहीं सिगरेट की तरह ये भी हार्मफुल होती है। इलेक्टॉनिक सिगरेट में पानी में घुले हुए निकोटीन की भाप को लिया जाता है।डॉक्टर्स के मुताबिक अगर आप ई-सिगरेट का यूज नॉर्मल सिगरेट की तरह ही कर रहे हैं, तो आपकी हालत में कोई सुधार नहीं होगा। बल्कि परेशानी और बढ़ जाएगी।