
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान छात्राओं को दें ‘फ्री’ सैनेटरी पैड
चीफ जस्टिस की पीठ ने सभी सरकारों से छात्राओं के लिए मासिक धर्म के दौरान सुविधा और सेहत स्वच्छता के लिए बनाई गई योजनाओं पर खर्च होने वाले धन का भी ब्योरा मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान छात्राओं को मुफ्त सैनेटरी पैड का इंतजाम होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्कूलों और शिक्षा संस्थानों को छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड यानी नैपकिन मुहैया कराने का आदेश दिया है. सभी राज्य सरकारों को छात्राओं की सुरक्षा और स्वच्छता का इंतजाम करना होगा. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदी वाला की पीठ ने जया ठाकुर की इस जनहित याचिका पर कहा कि सभी राज्य मेंसुरल पीरियड्स के दौरान स्वच्छता को लेकर अपनी योजना बताएं.
केंद्र सरकार की ओर से भारत की एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वैसे तो स्वास्थ्य सेवा राज्य सूची का विषय है. लेकिन 2011 से इसके लिए केंद्रीय योजनाएं भी हैं. हमने इसके तहत अपनी योजनाएं और उनका पूरा ब्योरा अपने नोट के जरिए कोर्ट को सौंप दिया है.
SC ने मांगा छात्राओं की सुरक्षा, सुविधा और सेहत की योजनाओं का ब्योरा
चीफ जस्टिस की पीठ ने सभी सरकारों से छात्राओं के लिए मासिक धर्म के दौरान सुविधा और सेहत स्वच्छता के लिए बनाई गई योजनाओं पर खर्च होने वाले धन का भी ब्योरा मांगा है. यानी राज्य सरकारें बताएं कि उनकी योजना क्या है और वो उन पर केंद्र की राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना का कोष खर्च रहे हैं या अपने राजस्व से. इस कवायद का दशक से ज्यादा बीत चुका है. अब हिसाब दें कि मासिक धर्म के दौरान छात्राओं की सुविधा और सेहत को लेकर उन्होंने क्या, कहां, कितना और कैसे धन खर्च किया है?