
विशेष…दिव्यांगों को उपकरण देने तक ही सीमित न रखें…सामाजिक परिवेश में बदलाव के साथ दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य करने की जरूरत…छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने सरकार से रखी मांग
रायपुर:भारतीय संविधान में हरेक व्यक्ति को समानता का अधिकार दिया है चाहे वह किसी भी धर्म जाति लिंग से ताल्लुक रखता हो।समाज का ऐसा बड़ा वर्ग जिसे दिव्यांग कहा जाता है उनके विभिन्न मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिया को ज्ञापन सौंपकर विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया है।
जानिए क्या है मांगे
*दिव्यांग छात्र-छात्राओं को नर्सरी से स्नात्तकोतर तक नि:शुल्क शिक्षा
*दिव्यांगजनो को स्वरोजगार के लिए सर्वसुविधायुक्त राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना
*समस्त दिव्यांगों के पेंशन तीन हजार रूपए प्रतिमाह
*छात्रवृत्ति में वृद्धि
*राज्य निधि का गठन
*फर्जी प्रमाण पत्र बनने से रोकना जैसी मांग शामिल हैं।
*स्थानीय निकाय एवं पंचायत में चुनाव में दिव्यांगो को सात प्रतिशत आरक्षण
*विभिन्न विभागों मे दिव्यांगजनों के पद का चिन्हांकन कर बैकलाग पदों पर भर्ती
*दिव्यांग कर्मचारी को पदोन्नति मे चार प्रतिशत आरक्षण
*फर्जी प्रमाण पत्र बनने से रोकने,फर्जी प्रमाण पत्र वाले दिव्यांग को बर्खास्त करने
*परिवहन भत्ता 750 से दो हजार करने
*प्राइवेट क्षेत्र में दिव्यांगो को पाच प्रतिशत आरक्षण *प्रथम नियुक्ति पर राधाकृष्ण गोपाल वर्सेस छत्तीसगढ़ शासन में पारित हाइकोर्ट के आदेशानुसार शासकीय कर्मचारी का मेडिकल बोर्ड में दिव्यांगता का परीक्षण
*शासकीय कर्मचारी को पदस्थापना एवं स्थानांतरण घर के समीप
शारारिक अक्षमता होने की वजह से ऐसे कई जगह है जहा दिव्यांगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।मेहनत और श्रम से स्वयं के लिए बस वही समानता और अधिकार चाहते है जो सामान्य व्यक्ति को मिलता है।कहने को तो बड़ी बड़ी बातें और योजनाओं का निर्माण होता है लेकिन जब क्रियान्वयन का समय आता है तो सब मुंह फेर लेते है।संघ के मीडिया प्रभारी होरी लाल यादव ने कहा है कि हमने अपने विभिन्न कार्यक्षेत्रों में प्रतिभा का लोहा मनवाया है।आने वाली पीढियां जो किसी कारणवश दिव्यांग की श्रेणी में आ जाते है वे कतई अपने आपको कम न आंके।दिव्यांग संघ शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार जैसे योजनाओं पर कार्य कर रहा है।
वे आगे सत्यदर्शन लाइव को बताते है कि अजीब विडंबना है आजादी के इतने वर्षो के बाद भी हमे मांगने की जरूरत पड़ती है।दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 एवं छत्तीसगढ़ राज्य दिव्यांगजन नीति 2018 में निहित प्रावधानों के अनुसार सभी दिव्यांग जनों को लाभ मिलना चाहिए।हरेक ग्राम पंचायतों में दिव्यांग भाई/बहन को योग्यता के अनुरूप कार्य की विशेष योजना सरकार को बनानी होगी।