
राष्ट्र गौरव अवार्ड -2022…दूरदर्शी नेतृत्व और कलम की ताकत से विश्वनाथ देवांगन “मुस्कुराता बस्तर” ने यह साबित कर दिया कि कितनी ही कठिन परिस्तिथियाँ क्यो न हो परिश्रम से नियति को भी बदला जा सकता है
कारवी यादव:छत्तीसगढ़ का बस्तर वैसे अभी यहां बुनियादी जरूरतों के हर साधन मौजूद है लेकिन कल्पना कीजिये आज से 2 दशक पूर्व की माओवादी दहशत से अधिकांश लोग मुख्यधारा से कटे हुए थे।इसी क्षेत्र से कौन जानता था कि विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर अपनी कलम की ताकत से बस्तर को वैश्विक मानचित्र में अलग पहचान दिला देगा।अत्यंत प्रभावी व्यक्तित्व के धनी विश्वनाथ देवांगन ने सामाजिक कार्य और लेखन के क्षेत्र से औरो की सेवा में अपनी जीवन अर्पित कर एक मिसाल कायम किया है।चेहरे पर तेज वाणी में ओज और जिह्वा पर सरस्वती उनके व्यक्तित्व को अनोखा बनाता है।
आप जंग जारी रखिए,,,आँखें खोलेंगे तभी दुनिया दिखेगी। आलोचना उसी की होती है जिसमें दम होता है। युवा को सोंच में क्रांति लाने की जरूरत है ये कहना है चर्चित इंटरनेशनल युवा राईटर,एक्टर,रिसर्चर व मोटीवेशनल स्पीकर विश्वनाथ देवांगन उर्फ ‘मुस्कुराता बस्तर’ का। विगत दिनों इस युवा हस्ताक्षर को उनके साहित्य समाजसेवा व नवाचारी गतिविधियों के लिए भव्या इंटरनेशनल एवं भव्या फाऊंडेशन जयपुर राजस्थान द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मैत्री सम्मेलन में उनको “राष्ट्र गौरव अवार्ड-2022” से सम्मानित किया। अस्वस्थता के चलते वे वहां पहुंच नहीं पाये थे। गत 27 अक्टूबर को संस्थान ने उनके निवास तक सम्मान पत्र और ट्राफी पहुंचाकर दिया। विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले इस होनहार को देश दुनिया के सामने लाकर सम्मानित किया है,और उनके नवाचार,किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा के साथ हौसला अफजाई की है। इस अवसर पर मीडिया से खास बातचीत में विश्वनाथ देवांगन ने कहा कि- मेरा मानना है कि पीछे मुड़कर देखने वाले का आत्मविश्वास कमजोर होता है। परिस्थितियों को डटकर मुकाबला करना। आलोचनाओं को हंसकर सजगता से परिणाम में बदलना ही कर्मवीरों की निशानी है। आज युवा को सहनशीलता के साथ परिस्थितियों से निपटने का हौसला रखना होगा। समय भी समय को चकमा देने में लगा है यहां हर एक चेहरे के पीछे चेहरा है।आधुनिकता की भागदौड़ और चंद सिक्कों की मारामारी में हर कोई एक दूसरे को मात देने में लगा हुआ है। यह युवा के होश में रहकर काम करने का है। युवाओं को सामने आकर युग परिवर्तनकारी निर्णय लेने की जरूरत है। अपने आप को विचलित ना करते हुए दमखम के साथ परिस्थितियों से लोहा लेने का समय है। यह समय संघर्ष का है। किसी ने ठीक कहा है कि आलोचना उसी की होती है जिसमें दम होता है। निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छबाय।आप जंग जारी रखिये देर सबेर जीत निश्चित है। भीड़ में अलग दिखना है तो आपकी पहचान होनी चाहिए। समस्याएं उन्हीं को ठोकर देती हैं जो टक्कर देने का माद्दा रखते हैं।
सामाजिक और आज के परिवेश में कई बाधाएँ आकर हमारा मनोबल तोड़ने का प्रयास करेंगी पर जीत कर दिखाना ही मंजिल की पहली सीढ़ी है। मेरा युवा को यही संदेश है कि आपको कोई हरा नहीं सकता जब तक आप खुद हार नहीं मान लेते। हमारी सोंच और कर्म हमारी ताकत होना चाहिए। ये छोटी सोंच हमारे स्तर को लंगड़ा,बौना कर देता है। ऐसी नकारात्मक सोच वाले तो बिलकुल भी नहीं बनना। खुद में दम रखिये जोश में होश के साथ उमंग रखिये,आप हैं जिंदाबाद। आज युवा को सोंच में क्रांतिकारी बदलाव की जरूरत है। तभी आप अपना इतिहास और भूगोल बदल सकते हैं। दूसरों की खामियाँ गिनाकर और शिकायतें करके कभी नेक इंसान नहीं बन सकते हैं। आप चाहें जो भी योग्यताएं एवं सिहांसन हासिल कर लें पर एक अच्छा इंसान नहीं बन पाए तो आपकी सारी योग्यताएं बेकार हैं। आपको धरती पर इंसानियत को ठगने का हक नहीं है।
बस्तर जैसे क्षेत्र से अंतरराष्ट्रीय पटल पर चर्चित एवं खोजी लेखन शैली,बेबाकी के लिए जाने जाने वाले इस युवा हस्ताक्षर ने अपनी कलम की ताकत के बल पर न केवल देश में बल्कि दुनिया के अनेक हिस्सों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाते हुए युवा दिलों में खास जगह बनाई है और उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत ‘युथ आइकन’ बने हैं । इन्हें ‘राष्ट्र गौरव अवार्ड-2022’ से सम्मानित किए जाने पर कई विशिष्ट जनों एवं शुभचिंतकों ने बधाई एवं शुभकामना दी है ।