विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,झंडा ऊंचा रहे हमारा…देश के नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक “तिरंगा”

कारवी यादव:स्वतंत्रता दिवस  के खास पर्व पर हर भारतीय आजादी के जश्न में सराबोर होता है, क्योंकि इसी दिन 1947 को भारत अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ था। 15 अगस्त के मौके पर हर भारतीय तिरंगा फहराता है और राष्ट्रगान गाकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले और जान गंवाने वाले वीरों को याद करता है। 15 अगस्त के मौके पर देश के हर कोने में तिरंगा लहराता हुआ दिखाई देता है। आज हम आपको अपने इसी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की खासियत बताएंगे। जिसे देखने के बाद हर भारतीय का सिर शान से झुक जाता है।

1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा कि हम देश की आजादी के लिए लड़ रहे हैं, हमारा एक झंडा होना चाहिए। इस बात को सुनने के बाद पिंगली वेंकैया झंडा बनाने में लग गए और तिरंगा बनाया। तिरंगे को तीन रंगों में बनाया गया, जिसमें हर रंग का अपना एक अलग अर्थ था। यही वजह थी कि देश की आजादी से पहले 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा की बैठक में तिरंगे को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।

राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाए गए तिरंगे में तीन रंग है। केशरिया, श्वेत (सफेद) और हरा। इसके अलावा तिरंगे के अंदर एक 24 तिलियों वाला चक्र भी है, जो नीले रंग का है। तिरंगे में सबसे ऊपर केशरिया, बीच में सफेद और नीचे हरा रंग है। वहीं सफेद रंग की पट्टी के मध्य में एक 24 तिलियों वाला चक्र भी है। बता दें कि भारतीय तिरंगे को एक खास लंबाई चौड़ाई में बनाया जाता है। तिरंगे को तीन अनुपात दो में बनाया जाता है। यानी कि इसकी लंबाई चौड़ाई से डेढ़ गुना अधिक होती है।

यूं तो कहने की बात है कि तीन रंग है तो तिरंगा तो है। लेकिन तिरंगे में प्रयोग किए गए सभी रंगों का अलग अर्थ है जो देश की गतिशीलता, विकास और शांति को प्रदर्शित करते हैं।

तिरंगे में सबसे ऊपर केशरियां रंग है जो भारत की ताकत और साहस को प्रदर्शित करता है। बीच में स्थित सफेद रंग शांति और सत्य के लिए है। वहीं सबसे नीचे स्थित गहरा हरा रंग देश के विकास और समृद्धि को दर्शाता है।

भारतीय तिरंगे के मध्य में स्थित सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का एक चक्र होता है। इस चक्र में 24 तिलियां होती हैं। इस चक्र का भी अपना महत्व है। इस चक्र का व्यास सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है। इस चक्र में जो 24 तिलियां लगी हैं जिसका अर्थ है जीवन गतिमान है ये चौबींसों घंटे चलता रहता है। बता दें कि चक्र को सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ से लिया गया था।

अशोक चक्र में 24 तीलियां क्या दर्शाती है?
अशोक चक्र में मौजूद 24 तीलियां 24 सिद्धांत को दर्शाती है. जिसमें प्रेम, साहस, धैर्य, शांति, दया, अच्छाई, विश्वास, नम्रता, आत्म-संयम, निस्वार्थता, आत्म-बलिदान, सच्चाई, धार्मिकता, न्याय, दया, अनुग्रह, विनम्रता, सहानुभूति, आध्यात्मिक ज्ञान, सर्वोच्च ज्ञान, सर्वोच्च नैतिकता, परोपकारिता और आशा शामिल है.


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