रक्षा बंधन ने प्यार की नींव फिर से मजबूत कर दी…राजकुमारी जायसवाल की डायरी से पढ़िए “मेरा उपहार”

♥️♥️मेरा उपहार ♥️♥️

हर साल की भांति इस बार भी राखी का मुझे बेसब्री से इंतजार था और आखिर में वह दिन आ ही गया जबकि हम सब अपने-अपने भाइयों की कलाई में रक्षासूत्र बांधेंगे और अपना मनपसंद उपहार लेंगे।साल भर की योजनाएं रहती हैं कि इस बार भैया से ए उपहार लेंगे, ओ उपहार लेंगे और हां अब तो चलन में यह भी आ गया है कि बहने भी भाइयों को उपहार देने लगी हैं जो कि बहुत अच्छा भी है।इससे यह सिद्ध होता है कि भाई ही अपने बहन से प्यार नहीं करता बल्कि बहनें भी अपने भाई से बहुत प्यार करती हैं!

खूब मार्केटिंग होती हैं।मिठाइयां बनती हैं, घर की साफ सफाई होती है और सप्ताह भर पहले या यूं कहूं कि माह भर पहले से ही हर भाई एवं बहन के मन में एक उधेड़बुन चलता रहता है कि आखिर इस राखी में उपहार स्वरूप क्या दिया जाए और सामान्यतः वही चीज़ दी जाती है जो हमारे भाई के पास ना हो या बहनों के पास ना हो‌।

तो भैया इस बार हम सभी बहने इस राखी में चाहते हैं कि आप सबसे पहला उपहार तो यह दीजिए कि आप अपना स्वयं का ध्यान रखेंगे और विभिन्न प्रकार के नशा जैसे बीड़ी, सिगरेट ,अफीम, तंबाकू आदि से दूर रहेंगे।आप अपनी सुरक्षा स्वयं करेंगे, गाड़ी धीरे चलाएंगे, माता-पिता का सम्मान करेंगे क्योंकि भाई बहन का यह पावन पर्व रक्षा के नाम पर ही शुरू हुआ था और द्रोपती ने पहली बार श्रीकृष्ण भगवान के सुदर्शन से उंगली कट जाने पर अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ कर उनकी उंगली पर बांधा था। तभी से रक्षाबंधन का यह पावन पर्व मनाया जाता है और हर भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। वक्त गुजरता गया और 1 दिन ऐसा आया कि द्रोपदी मुसीबत में पड़ गई और श्रीकृष्ण ने उनकी रक्षा की ।

मेरा सभी भाइयों से आग्रह है कि आप भी अपने दृष्टि सम रखिए एवं सभी बहन को अपने बहन की दृष्टि से देखिए। आपके हाथ उसके इज्जत- आबरू को लूटने के लिए नहीं बल्कि रक्षा के लिए उठनी चाहिए ।आज किसी भी गली -चौबारे, अंधेरे या परेशानी में फंसी हुई बहन किसी भी लड़के को देखकर डर या भय महसूस न कर सुरक्षा की भावना महसूस करे।
आप सब का व्यवहार ऐसा होना चाहिए ।
तो फिर ….आप अपनी बहन को यह उपहार दे रहे हैं न…. कि आप अपनी रक्षा तो स्वयं करेंगे ही और अपनी बहन के समान देश के सभी बहनों की भी रक्षा करेंगे और उसके इज्जत- आबरू पर आंच नहीं आने देंगे।

आज वो दिन आ गया है कि हम सबको अपनी भाइयों की रक्षा का वीणा उठाना जरूरी है। उन्हें कुमार्ग से सतमार्ग की ओर लाना जरूरी है।
उनके विचारों में परिवर्तन लाना जरूरी है।
हमारी राखी सही मायनों में तभी सार्थक मानी जाएगी जब देश की सभी बहने अपने आप को देश के किसी भी कोने में, हर परिस्थितियों में सुरक्षित महसूस करेंगी और यह तभी संभव है जब आप देश के सभी बहनों की रक्षा का वचन देंगे ।
हम बहने अपने भाइयों से उपहार स्वरूप यह वचन भी लेना चाहेंगे कि आप हमेशा स्त्री का( चाहे वह मां-बहन, बेटी किसी भी रूप में हो )सम्मान करेंगे।

याद रखिए भैया…” यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता:!

यह रहा इस राखी का
♥️मेरा उपहार ♥️
देंगे ना भैया……

भाई-बहन के असीम प्यार का प्रतीक राखी पर्व की आप सभी को हार्दिक बधाइयां


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