
भारतीय खगोलविदों ने खोजे जीवन की संभावना वाले 60 ग्रह…साल 1975 से लेकर अब तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने भारतीय मूल के कुल 129 सैटेलाइट और 36 देशों के 342 सैटेलाइट को लांच किया
“नई दिल्ली:साल 1975 से लेकर अब तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान ने भारतीय मूल के कुल 129 सैटेलाइट और 36 देशों के 342 सैटेलाइट को लांच किया। इसमें से 39 सैटेलाइट कमर्शियल और बाकी के नैनो सैटेलाइट थे। गुरुवार को संसद में दी गई जानकारी में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘ अंतरिक्ष में अभी 53 भारतीय आपरेशनल सैटेलाइट है। इसमें से 21 कम्युनिकेशन सैटेलाइट, 8 नैविगेशन, 21 अर्थ आब्जर्वेशन सैटेलाइट और तीन साइंस सैटेलाइट है।’
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने आज राज्यसभा में दो सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। जवाब में उन्होंने यह भी बताया कि अंतरिक्ष में मौजूद भारतीय सैटेलाइट से मिले डेटा का उपयोग देश के विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है। ये क्षेत्र हैं टेलीविजन प्रसारण, डायरेक्ट टू होम, एटीएम, मोबाइल संचार, टेली एजुकेशन, टेली मेडिसिन, मौसम की जानकारी, कीट संक्रमण, कृषि मौसम विज्ञान और संभावित मछली पकड़ने के क्षेत्र शामिल हैं।
भारतीय खगोलविदों ने खोजे जीवन की संभावना वाले 60 ग्रह
विज्ञानी समुदाय लगातार यह जानने के लिए प्रयासरत है कि इस असीम ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी से इतर भी किसी ग्रह पर जीवन संभव है या नहीं। भारतीय खगोलविदों ने अब तक ज्ञात करीब 5,000 ग्रहों में से 60 ऐसे ग्रहों को चिह्नित किया है, जहां जीवन संभव हो सकता है। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित एल्गोरिदम का प्रयोग किया गया है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन स्वायत्त संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स के विज्ञानियों ने बिट्स पिलानी, गोवा कैंपस के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर इस प्रयोग को अंजाम दिया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बताया कि करीब 5000 पुष्ट और 8000 संभावित ग्रहों का आकलन किया गया।”
“आंकड़ों के आधार पर पृथ्वी से उनकी समानता परखी गई। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स, बेंगलुरु की डा. मार्गरिटा साफोनोवा और बिट्स पिलानी के प्रोफेसर स्नेहांशु साहा की देखरेख में अध्ययन किया गया। इसमें एआइ आधारित प्रक्रिया मल्टी स्टेज मेमेटिक बाइनरी ट्री एनामली आइडेंटिफायर का प्रयोग किया गया।”