सरकार द्वारा घोषित नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम बेंगलुरू-स्थित नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एण्ड नेऊरओ साइंस से संचालित होगा और 23 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में मेंटल हेल्थ सेंटर स्थापित किए जाएंगे

बजट में कल नैशनल टेलि मेंटल हेल्थ प्रोग्राम यानि राष्ट्रीय टेलि मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का राज्य में स्वागत किया गया है। छत्तीसगढ़ में पहले से ही मानसिक स्वास्थ्य की सेवाएँ दी जा रही है। इन सेवाओं का लाभ कोरोना काल में समुदाई को मिला खासकर उनको जो कोविड के कारण तनाव में थे।सेंदरी मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल में ही कोरोना महामारी की शुरूआत से अभी तक (जनवरी 2022) तक कुल 6,000 लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सुविधा काउंसिलिंग के माध्यम से पहुंचाई गई। वहीं जिले में स्थापित स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से भी सुविधाएं दी जा रही हैं। सरकार द्वारा घोषित नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम बेंगलुरू-स्थित नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एण्ड नेऊरओ साइंस से संचालित होगा और 23 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में मेंटल हेल्थ सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जिसका लाभ छत्तीसगढ़ को भी हो सकता है।राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, बिलासपुर के चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी सरकार की इस घोषणा का स्वागत किया है। साथ ही उनका मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में इससे लाभ भी होगा। मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय सेंदरी के प्रमुख डॉ. बीआर नंदा ने बताया कोरोना महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि हुई है। हर किसी को काउंसिलिंग की जरूरत महसूस हो रही है। बजट में सरकार ने जो घोषणा की है निश्चित तौर पर यह स्वागत योग्य है। यह घोषणा मानसिक रोगियों के लिए वरदान साबित होगा।

मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय के काउंसलर्स की मदद से जनवरी 2022 तक लगभग 6000 लोगों को काउंसिलिंग दी गई हैं। इनमें प्रवासी मजदूर, क्वारंटाईन सेंटर्स के लोगों, होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर्स के लोग शामिल हैं। कोरोना संक्रमितों के अलावा भी उनके परिवार एवं अन्य लोगों की भी काउंसिलिंग कर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का निदान किया गया है।यह क्रम निरंतर जारी है।राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलाए जाने वाले मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं निम्हान्स के सहयोग से छत्तीसगढ़ के चिकित्सा अधिकारियों को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए टेलेमेनटोरींग प्रोजेक्ट वीकेएन का प्रारंभ 2016-17 में किया गया जिसके अंतर्गत दिसंबर 2021 तक 3,38,508 मानसिक रोगियों का उपचार एवं कौनसेलिंग सुविधा दी गई।इसी तरह सीएचएएमपी की शुरुआत अगस्त 2019 में की गई थी जिसके अंतर्गत 2100 चिकित्सा अधिकारी और रुरल मेडिकल अससिस्टनट्स (आरएमए) को प्राथमिक स्तर पर मनोरोग की पहचान एवं इलाज के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षित अधिकारियों द्वारा अब तक 41,785 मानसिक रोगियों को सेवाएँ प्रदान की गई है।सामुदायिक स्वास्थ केंद्र एवं हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों में मानसिक रोगियों की पहचान स्क्रीनिंग और कॉउसेलिंग के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों और रुरल मेडिकल अससिस्टनट् को चरणबद्ध रूप से यानि टेलेमेनटोरींग फॉर रुरल हेल्थ ऑर्गनीसर्स ऑफ छत्तीसगढ़ प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2020 में शुरू किया गया और 2000 से ज्यादा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।

विशेषज्ञों को है उम्मीद
बिलासपुर मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल के विशेषज्ञों ने सरकारी घोषणा का स्वागत करते हुए उम्मीद जाहिर किया है कि इससे मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बल मिलेगा। मनोरोग विशेष सलाहकार मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल डॉ. आशुतोष का कहना है निश्चित तौर बजट में जो घोषणा हुई है वह मानसिक समस्याओं से जुझ रहे लोगों को लिए वरदान साबित होगी। लोग घर बैठे ही समुचित मनोचिकित्सा और परामर्श ले सकेंगे।

आकड़ों पर एक नजर
मानसिक चिकित्सालय सेंदरी के अधीक्षक डॉ. बीआर नंदा ने बताया अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक स्पर्श क्लिनिक एवं अन्य तरह से लोगों की काउंसिलिंग की गई। इस दौरान कुल 3,875 लोगों की काउंसिलिंग हुई जिसमें होम आइसोलेशन के 3,844 एवं क्वारंटाईन सेंटर के 31 लोग शामिल हैं। इसी तरह लाइफ स्किल पर 13 सत्र, वर्क प्लेस स्ट्रेस मैनेजमेंट पर 11, सुसाइड प्रीवेंशन पर 13, मेंटल हेल्थ कैंप 27, जेल कैंप 8, बाल संप्रेषण गृह कैंप 8, बालिका बाल विकास 7 तथा वृद्धाश्रम में 2 कैंप लगा कर लोगों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का निदान किया गया।


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