सत्यदर्शन साहित्य….पेड़ों से ही जीवन,लेकिन उनका जीवन…सुने पेड़ों की अनकही बाते…

 

आज का इंसान नफे-नुकसान के गणित में उलझा हुआ है।पर उसे खबर ही नही कि असली लाभ तो पेड़ देते है-जीवन,स्वास्थ्य,सुकून और संसाधनों का लाभ।

पेड़-पौधे मानव जीवन चक्र के लिए बहुत मायने रखते है।फिर भी मानवीय क्रियाकलापो के कारण उनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।यानी कुल्हाड़ी पेड़ पर नही,हमारे पैरों पर पड़ती है।वृक्ष पारिस्थितिकी को संतुलित रखने,मिट्टी का कटाव रोकने और विभिन्न संसाधन प्रदान करने में विशेष भूमिका निभाते है।सो,वे हमारे अलावा अन्य जीव-जंतुओं के लिए भी जरूरी है।

पेड़ हमे जीवन देते है,सुकून देते है,हमारा तनाव हरते है और बदले में हम क्या कर रहे है?उन्हें तनाव दे रहे है और उनका जीवन ले रहे है।क्या यही विकास है?पेड़ो की ठंडक जितना सुकून देती है,उतनी ही हरियाली भी देती है।इनसे हम तो तनाव रहित हो जाते है,लेकिन जो हमारी लापरवाही इन्हें तनावग्रस्त कर देती है,उसके बारे में तो हम कभी सोचते ही नही है।पेड़ अपने आसपास के वातावरण के प्रति बेहद संवेदनशील होते है।शहरी वातावरण,मिट्टी की खराबी,कम जगह पर अधिक पेड़ लगाने और पर्याप्त पानी न मिल पाने से वे तनाव में आ जाते है।ये स्तिथिया उनके विकास पर नकारात्मक असर डालती है।

पेड़ इतना करते है और हम? कई पेड़ सीवेज का पानी,खेतो में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक,जानवरो के अपशिष्ट पदार्थ, धात्विक अशुद्धियां व सड़क किनारे फैली गंदगी भी अवशोषित कर लेते है।इसी से मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है।यह सब पेड़ खुद के लिए करते है,लेकिन इससे हमें भी जीवन मिल रहा है।हमारी तरह वे भी जीना चाहते है,इसलिए अपनी रक्षा करने के गुर भी वे बखूबी जानते है।कुछ पेड़ो पर हानिकारक रसायनों व कीट-पतंगों का असर बिल्कुल नही होता है,जैसे नीम।इनकी कड़वी प्रकृति ही इनके लिए वरदान है और हमारे लिए भी।पेड़ हमारे जीवन के लिए कितना कुछ करते है।क्या हम उनके जीवन के लिए छोटी-सी कोशिश नही कर सकते???हर व्यक्ति को बस दो पौधे लगाकर कुछ समय देखभाल ही तो करनी है-अपनी ही खातिर।


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