
सीमित संसाधन,दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत इरादों की कहानी…खाली पैर,धोतीनुमा कपड़े लपेटी…जब राष्ट्रपति से पद्मश्री पाने पहुंचीं ‘जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया…उन्होंने कभी औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की…पौधों और जड़ी-बूटियों की विविध प्रजातियों पर उनके विशाल ज्ञान के कारण उन्हें इस नाम से पुकारा जाता है
कमलेश यादव:इस दुनिया मे बगैर लक्ष्य के कोई भी नही आया है हर किसी का अपना किरदार और उद्देश्य होता है।किसी के कद काठी या पहनावे से उनके गुणों का आकलन नही किया जा सकता।आज की कहानी से समाज के अंतिम कतार में खड़े व्यक्ति को भी शुकुन मिलेगा की कैसे लगातार निस्वार्थ भाव से किया हुआ कार्य एक दिन मिसाल कायम करती है।जरूरी नही आपके पास संसाधन हो बस एक दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है।कर्नाटक की 72 वर्षीय आदिवासी महिला तुलसी गौड़ा को पर्यावरण की सुरक्षा में उनके योगदान के लिए सोमवार को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नंगे पांव और धोतीनुमा पारंपरिक कपड़े पहने, उन्हें नई दिल्ली में समारोह के दौरान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार मिला।
'Encyclopedia of forest' Tulsi Gowda receives Padma Shri
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— ANI Digital (@ani_digital) November 9, 2021
कर्नाटक में हलक्की स्वदेशी जनजाति से ताल्लुक रखने वाली तुलसी गौड़ा एक गरीब और वंचित परिवार में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने कभी औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की, और फिर भी आज उन्हें ‘जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया’ के रूप में जाना जाता है। पौधों और जड़ी-बूटियों की विविध प्रजातियों पर उनके विशाल ज्ञान के कारण उन्हें इस नाम से पुकारा जाता है।
“12 साल की उम्र से उन्होंने हजारों पेड़ लगाए और उनका पालन-पोषण किया। तुलसी गौड़ा एक अस्थायी स्वयंसेवक के रूप में वन विभाग में भी शामिल हुईं, जहाँ उन्हें प्रकृति संरक्षण के प्रति समर्पण के लिए पहचाना गया। बाद में उन्हें विभाग में स्थायी नौकरी की पेशकश की गई।
आज 72 साल की उम्र में भी, तुलसी गौड़ा पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए पौधों का पोषण करना और युवा पीढ़ी के साथ अपने विशाल ज्ञान को साझा करना जारी रखती हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। पद्म पुरस्कारों की 2021 की सूची में सात पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 102 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं, जिनमें से 29 पुरस्कार विजेता महिलाएं हैं और एक पुरस्कार विजेता एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति है।”