कुछ लोग मुझे कहते है कि रिटायरमेंट हो गया है लेकिन मेरा यह मानना है कि जिंदगी में रिटायर जैसे कोई शब्द ही नही होता है…पेड़ पौधों और जंगलो से प्यार रहा है प्रकृति के सानिंध्य में पला बढ़ा और इस काबिल बना की जो सीखा उसे समाज को फिर से लौटा सकूं…इंजीनियर कवि सरजू प्रसाद विश्वकर्मा की प्रेरणादायी कहानी

कमलेश यादव:कुछ लोग मुझे कहते है कि रिटायरमेंट हो गया है लेकिन मेरा यह मानना है कि जिंदगी में रिटायर जैसे कोई शब्द ही नही होता है।असल मे सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ हमारे काम कभी खत्म नही होते है।जिंदगी के खट्टे मीठे अनुभवों को बांटते हुए नवोदित युवाओ के मार्ग को प्रशस्त करना भी बड़ी जिम्मेदारी से कम नही है।हमारे किये हुए कार्य को भावी पीढ़ी नियति मान लेती है इसीलिए अपने कर्मो पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।यह कहना है इंजीनियर कवि सरजू प्रसाद विश्वकर्मा जी का।इंजीनियर और कवि होना जिंदगी में अजीब सा विरोधाभास रहा है।कवि मन हमेशा लोगों को प्रोत्साहित करने के साथ साथ आम आदमी की आवाज भी बनाया है।बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी एसपी विश्वकर्मा सृजेता मूक बधिर दिव्यांगों की सेवा और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते है।

सत्यदर्शन लाइव से बातचीत में विश्वकर्मा जी ने बताया कि,पिताजी की बातें आज भी याद है”जिंदगी में जरूर आगे बढ़ो लेकिन पुरानी चीज़ों को भी कभी न छोड़ो जिससे आपकी जड़े जुड़ी हुई है”।प्राथमिक शिक्षा गंडई कवर्धा में हुई आगे की शिक्षा दिग्विजय कालेज राजनांदगाँव में पूरी हुई।तथा सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक दुर्ग से प्राप्त कर मार्च 1979 मैं कोंडागांव में उप अभियंता पद पर पदस्थ रहकर वहीं से 31जनवरी 2013 को सेवानिवृत्त हुआ हूं।

34 साल की नौकरी के दौरान कई अनुभूतियां हुई जिसे शब्दो मे पिरोकर कविता के माध्यम से लोगों के सामने रखा।गायत्री परिवार से जुड़े रहने का फायदा यह मिला पूरी जिंदगी में अनुशासन और अध्यात्म स्वयं की जीवन मे लागू किया क्योकि हमारे जीवन जीने की शैली से समाज की दिशा तय होती है।हम समाज को नही बदल सकते लेकिन खुद में वो बदलाव लाकर इसकी शुरुआत कर सकते है।कविताओं में सभी वर्गों के जीवित चित्रण देखने को मिलता है।

पेड़ पौधों और जंगलो से प्यार रहा है प्रकृति के सानिंध्य में पला बढ़ा और इस काबिल बना की जो सीखा उसे समाज को फिर से लौटा सकूं।यही कारण रहा कोंडागांव में ही बस गए है।आज पूरे उत्साह के साथ लोगों की सेवा में अपनी कर्त्तव्य का निर्वहन कर रहे है।विश्वकर्मा जी जैसे व्यक्त्वि का समाज मे हमेशा से जरूरत रही है।अपने अच्छे और नेक विचारों से अपने साथ जुड़े लोगों की जिंदगी में बदलाव का साक्षी बन रहे है।सत्यदर्शन लाइव इंजीनियर एस पी विश्वकर्मा के आदर्शों पर चलने के लिए लोगो को हमेशा प्रोत्साहित करते रहेगा।


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