
दादी का संदेश…103 वर्षीय दादी बुधवा बाई…वे आज भी स्वावलंबी है अपना काम खुद करती है…उन्होंने कोविड वैक्सीन लगाकर कहा है कि मैं 104 दीपावली जरूर देखूंगी और लोगों से अपील की है टीके लगवाने में देर न करे
कमलेश यादव:हमारे पूर्वजों की औसत आयु 100 वर्ष थी वजह खान पान में शुद्धता और पर्यावरण से तालमेल बिठाकर जीने की कला।आज हम आपको बताएंगे प्राकृतिक जीवनशैली से जीने वाली 103 वर्षीय दादी बुधवा बाई भेड़िये के बारे में।वे आज भी स्वावलंबी है अपना काम खुद करती है इन्हें ब्लड प्रेशर न शुगर कोई बीमारी नही है न ही इनके आंखों में चश्मा लगा है।छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के सुदूर वनांचल साल्हेवारा में दादी का घर है।उन्होंने टीकाकरण करवाकर कहा है कि मैं 104 दीपावली जरूर देखूंगी और लोगों से अपील की है टीके लगवाने में देर न करे।
साल्हेवारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. जयकिशन महोबिया अपनी टीम के साथ जब दादी से मिले तो उनकी जीवनशैली को देखकर हतप्रभ रह गए।इस उम्र में अपने कार्यो को उतना ही महत्व देना प्राकृतिक जीवन जीने की अद्भुत कला। दादी के जीवन से वाकई में काफी कुछ सीखा जा सकता है।कुछ लोग कोविड का टीका लगवाने से आज भी कतरा रहे है उन्हें समझना चाहिए जब दादी बेझिझक यह टीका लगवा सकती है तो वे क्यो नही।यह हमारी परिवार की सुरक्षा का सवाल है।