हुनर और ज्ञान से तय की स्वावलंबन की राह…ग्राम सरपंच ने महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से अपने पँचायत को एक नई दिशा दी है

गोपी साहू:लोगों को जगाने के लिये महिलाओं का जागृत होना जरुरी है। एक बार जब वो अपना कदम उठा लेती है, परिवार आगे बढ़ता है,गाँव आगे बढ़ता है और राष्ट्र विकास की ओर उन्मुख होता है।आज ये ग्रामीण महिलाएं उद्यमी बनने के लिए किसी की राह नहीं देखती हैं।आज की कहानी सरपंच महोदया के इर्द गिर्द घूमती है जिन्होंने महिला स्वसहायता समूह को लेकर हुनर और ज्ञान से तय की स्वावलंबन की राह।छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगाँव जिले की ग्राम सरपंच श्रीमती सावित्री सिरमौर ने स्वसहायता समूह के माध्यम से अपने पँचायत को एक नई दिशा दी है।

सत्यदर्शन लाइव को श्रीमती सावित्री सिरमौर ने बताया कि,ग्राम साँकरा के 5 महिला स्वयं सहायता समूह को रोजगार मिला,जिसमे गंगा महिला स्वय सहायता समूह की महिलाओं ने स्वच्छता का जिम्मा लेते हुए बोदरा तालाब से शिवपाल के घर तक गहरी नाली की साफ सफाई की है।उस नाली से निकलने वाले कीचड़ को दूसरे जय बम्लेश्वरी प्रतीक्षा महिला समूह वालो ने अपने बागवानी के लिए क्यारी में डाला जिससे फुलो का पैदावार अधिक हो रही है।

सफाई अभियान की शुरुआत दिनांक 7 सितंबर को गंगा महिला स्वसहायता ने की है। यह कार्य अभी जारी है।जय बम्लेश्वरी प्रतीक्षा स्वसहायता 10 सदस्यीय महिला समूह जिसमे मुख्य सदस्य श्रीमती कलिंदरी लहरें,श्रीमती देवकी बाई (माननीय पंच) ,श्रीमती केवरा, श्रीमती कुंती,श्रीमती सुभद्रा श्रीमती श्याम बाई,श्रीमती भुनेश्वरी, श्रीमती सुलेसिया,श्रीमती लता,श्रीमती उमेश बाई द्वारा पंचायत परिसर में सरपंच महोदय की उपस्थिति में 1000 गेंदा फूल के थरहा लगाया गया।सरपंच के मांग पर उद्यानिकी विभाग के श्रीमती भारती ध्रुवे ने 4000 गेंदा फूल पौधा प्रदाय की है।

ग्रामीण महिलाएं अपने हुनर व ज्ञान से आत्मनिर्भर और सशक्त हुई हैं। इन्हेंं जो भी अवसर मिलते हैं उसे ये गंवाती नही है। कुशलता से काम करते हुए परिवार को उन्नत वातावरण देने के साथ अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित कर रही हैं।स्वसहायता समूह बनाकर बड़े से बड़ा कार्य को व्यवस्थित किया जा सकता है।


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