व्हीलचेयर यूजर कपल की प्रेरणादायी कहानी…अपनी किताब के जरिये दिव्यांगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में होने वाली असुविधा से अवगत करा रहे हैं

गोपी साहू:सामाजिक व्यवस्थाओं के चलते आज भी दिव्यांगों को अपने अधिकारों के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है।हालांकि बदलते वक्त के साथ हरेक क्षेत्रो में अपनी उपस्थिति दर्ज करके स्वयं को साबित किये है कि असम्भव कुछ भी नही है।आज की कहानी भी दिव्यांग कपल के इर्द गिर्द घूमती है जिन्होंने किताब लिखकर दिव्यांगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में होने वाली असुविधा और बैरियर फ्री रोड़ के प्रति जागरूक किया है।वर्तमान में तिरुवनंतपुरम की यह जोड़ी रोड़ सेफ्टी एंबेसेडर बनीं है।

“जॉर्ज के थॉमस और उनकी पत्नी जैसमीन इसाक व्हीलेचेयर यूजर हैं। रोड़ सेफ्टी एंबेसेडर के तौर पर अपनी खास पहचान रखने वाले इस कपल ने किंडरगार्टन स्टूडेंट के लिए एक किताब लिखी। इस किताब में इलस्ट्रेशन के जरिये वे युवाओं को बैरियर फ्री रोड़ की अहमियत बताना चाहते हैं। साथ ही दिव्यांगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में होने वाली असुविधा से अवगत करा रहे हैं। जॉर्ज का कहना है कि महामारी ने कई तरह से हमारी आंखों पर पड़ा पर्दा हटाया है। इस दौरान हमने यू ट्यूब चैलन की शुरुआत और तीरंदाजी की प्रैक्टिस भी की।

35 साल की जैसमीन ने बताया कि जॉर्ज का एक्सीडेंट मोटर बाइक से जाते समय ऑटो रिक्शा से टकराने की वजह से हुआ। इससे उसकी रीढ़ की हड्‌डी में गंभीर चोट आई। इसी तरह जैसमीन का 2003 में उस वक्त एक्सीडेंट हुआ जब वह टू व्हीलर पर अपनी बहन के साथ जा रही थीं। ये दोनों एक प्रायवेट हॉस्पिटल में पहली बार मिले और 2014 में शादी कर ली। हालांकि इस शादी से इनके पेरेंट्स खुश नहीं थे। लेकिन पिछले सात सालों के दौरान इन दोनों ने खुशहाल दांपत्य जीवन गुजार कर ये साबित कर दिया है कि वे एक दूसरे के लिए ही बने हैं।”


जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles