
कुछ लोग ऐसे होते है जिन्हें किसी का इन्तेजार नही रहता वे अपना रास्ता स्वयं बनाते हुए औरों के लिए प्रेरणास्रोत बन जाते है…एक कपल ने 40 लाख खर्च करके अब तक सड़कों पर हो रहे 2000 गढ्डे भरे, उन्हें लोगों ने नाम दिया सड़कों का डॉक्टर
कमलेश यादव:-हर बार हमारी नजर सिस्टम की ओर रहती है कोई आएगा और समस्याओं को हल करके चले जाएगा।लेकिन कुछ लोग ऐसे होते है जिन्हें किसी का इन्तेजार नही रहता वे अपना रास्ता स्वयं बनाते हुए औरों के लिए प्रेरणास्रोत बन जाते है।कितनी ही बार जब हम सड़को पर निकलते है उबड़ खाबड़ वाली रास्तो पर चलते ही सरकार को कोसना शुरू कर देते है।हरेक समस्याओं का विशेष समाधान है यदि हमारी इच्छाशक्ति मजबूत हो।आज बात करेंगे ऐसे व्यक्ति के बारे में जिन्होंने अपनी जिंदगी के अहम साल रास्ते के गड्ढे पाटने में लगा दिए है ताकि दूसरे लोग अच्छे से सड़कों का इस्तेमाल कर सके।उनका कहना है हजारो दुर्घटनाएं इन गढ्ढो की वजह से होता है।किसी का भाई, बेटा, दोस्त के घर मे इन्तेजार होते रहता है जो कभी लौटकर वापस नही आता।
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सड़कों पर हो रहे गड्ढों की वजह से आए दिन सैकड़ों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है। लोगों की जान की परवाह करने वाला हैदराबाद का एक कपल इन दिनों सड़कों के गढ्ढे भरने को लेकर चर्चा में है। वह पिछले 11 सालों से यह नेक काम कर रहा है। गंगाधर तिलक कटनाम रिटायर्ड रेलवे इंजीनियर हैं जिनकी उम्र 73 साल है। वहीं उनकी पत्नी का नाम वेंकटेश्वरी कटनाम है जिसकी उम्र 64 साल है। इन्हें हैदराबाद की सड़कों पर जगह-जगह सड़कों के गढ्डे भरते हुए देखा जाता है। गंगाधर इस काम में अपनी हर महीने की पेंशन का पैसा भी खर्च करते हैं। वे अब तक 40 लाख खर्च कर 2000 गढ्डे भर चुके हैं।
गंगाधर के अनुसार, उन्होंने ये काम रेलवे से रिटायर होने के बाद शुरू किया। उन्होंने इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों से बात भी की लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो खुद अपनी पत्नी के साथ इसे करने लगे। उनके काम को देखते हुए लोग उन्हें सड़कों का डॉक्टर कहते हैं। इस काम को करने से पहले गंगाधर ने 35 साल तक रेलवे में नौकरी की। उसके बाद वे इंजीनियर के तौर पर एक सॉफ्टेवयर कंपनी में काम करने लगे। इस कपल ने मिलकर एक संस्था की स्थापना भी की जिसे श्रमदान नाम दिया। यहां आकर कोई भी व्यक्ति सड़कों के गढ्डे भरने के लिए राशि दान कर सकता है।