
कॉर्पोरेट कंपनियों का सराहनीय पहल…कोरोना से जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 60 साल तक मिलेगा पूरा वेतन
देश में कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 3 लाख के पार पहुंच गया है। महामारी की दूसरी लहर ज्यादा जानलेवा साबित हुई है। ऐसे में कॉर्पोरेट कंपनियां अपने एंप्लॉई और परिजनों के लिए कई तरह से राहत पहुंचाने का काम कर रही हैं।
टाटा स्टील ने किया बड़ा ऐलान
इसी कड़ी में टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा स्टील ने बड़ा ऐलान किया है। टाटा स्टील ने ऐलान किया है कि कंपनी कोरोना से अपने किसी भी कर्मचारी की मौत के 60 साल बाद भी पूरी सैलरी देती रहेगी। यानी मृत कर्मचारी/नॉमिनी के रिटायरमेंट की उम्र तक उन पर आश्रित परिजन को पूरी सैलरी मिलेगी। सैलरी का अमाउंट मृत कर्मचारी की आखिरी सैलरी के बराबर होगा। साथ ही बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल और आवास सुविधाएं भी मिलती रहेंगी।
कंपनी के मुताबिक सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स की ड्यूटी के दौरान मौत होने पर भी उनके बच्चों के भारत में ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई का पूरा खर्च कंपनी वहन करेगी।
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी कर्मचारियों को दी बड़ी राहत
टाटा स्टील से पहले ऑटो कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने भी कहा था कि अगर कंपनी के किसी कर्मचारी की जान कोरोना महामारी से होती है तो वह उन पर परिजन/आश्रितों को 5 साल तक वेतन और सालाना इनकम की दोगुनी राशि एक ही बार में देगी। साथ ही मृत कर्मचारी के बच्चों की पढ़ाई के लिए क्लास 12 तक हर साल हर एक बच्चे को दो लाख रुपए तक की मदद दी जाएगी।
प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉई को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद
प्राइवेट सेक्टर में कंपनियों की इस पहल से सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की उम्मीद है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की मौत होने के बाद उन पर आश्रितों को अच्छी रकम और पेंशन जैसी सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन प्राइवेट सेक्टर में ऐसी सुविधा नहीं है। मार्च 2020 में कोरोना से पहली मौत के 14 महीने 10 दिन बाद देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 3 लाख हुई।