युवा कलमकार मुस्कुराता बस्तर की कविता… तुम आओ ना भगवन,कष्ट सब मिट जाएं

तुम आओ ना भगवन
कष्ट सब मिट जाएं।

तुम दाता तुम ही विधाता,
तुम ही हो चारों धाम,
मैं खल कामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
चरणों में,करता हूँ मैं स्तवन।
*तुम आओ ना भगवन,*
*कष्ट सब मिट जाएं।*

धरती है सहमी,
तुम्हारी है कमी,
हम सब पीड़ीत हैं,
तुम पालनहारी,
चरणों में,हम करते हैं वंदन।
*तुम आओ ना भगवन,*
*कष्ट सब मिट जाएं।*

प्रकृति ही तुम हो,
जीवन मूल तुम हो,
मिटा दो जगत से,
व्याधि बवंडर।
चरणों में,करता हूं नमन।


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