
भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम…पांच साल की उम्र में गंवाया था पैर, अब भारतीय टीम में हुआ चयन, प्रेरणादायक है रोहित की कहानी
रोहित अनोत्रा का चयन भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम में हुआ है। चयन के बाद से परिवार में खुशी का माहौल है। लोग बधाई देने आ रहे हैं। रोहित अनोत्रा पठानकोट के ऊंचा थड़ा के रहने वाले हैं। रोहित के नाम एक बेहतरीन रिकॉर्ड भी दर्ज है। लेकिन एक हादसे ने रोहित की जिंदगी की पूरी तरह से बदल दिया। ऊंचा थड़ा निवासी रोहित अनोत्रा का भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम में चयन हो गया है। रोहित 23 साल पहले एक हादसे में अपना एक पैर खो बैठे थे। रोहित एशिया कप में बतौर सलामी बल्लेबाज शतक बनाने वाले इकलौते भारतीय खिलाड़ी हैं। रोहित इससे पहले एक प्राइवेट एसोसिएशन की तरफ से कई इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं। रोहित ने कृत्रिम अंग के सहारे बांग्लादेश में हुई व्हील चेयर त्रिकोणीय सीरीज में भारतीय टीम को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। हाल ही में हुई आईडब्ल्यूपीएल (इंडियन व्हीलचेयर प्रीमियर लीग) में रोहित ने छह पारियों में 195 रन बनाए। उन्होंने 14 छक्के और 36 चौके लगाकर मैन ऑफ मैच और मैन ऑफ द सीरीज भी अपने नाम किया था। अब 15 मार्च से रोहित लखनऊ में बीसीसीआई के कैंप में जाएंगे और सीरीज की तैयारी करेंगे।
पांच साल की उम्र में हुआ था हादसा
रोहित ने बताया कि 1998 में जब वो पांच साल के थे तो सड़क पार करते समय एक ट्रक चालक ने उनका पैर कुचल दिया था। तीन महीने अस्पताल में इलाज चला। बाद में नकली पैर लगाया गया। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और माता-पिता की प्रेरणा से पढ़ाई जारी रखी।लुधियाना में वेब डिजाइनिंग, 2डी, 3डी का डिप्लोमा करते समय उनकी मुलाकात परवीर सिंह संधू से हुई। उसके बाद मेहनत कर ट्रायल दिया। 2013 में पंजाब टीम में उन्हें शामिल किया गया। अच्छे प्रदर्शन के चलते 2015 में उनका चयन नेशनल टीम में हो गया।
चुनाव आयोग ने भी बनाया ब्रांड एंबेसडर
चुनाव आयोग ने रोहित को मतदाता जागरूकता अभियान का ब्रांड अंबेसडर बनाया है। रोहित ने दिव्यांगों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने हुनर को पहचाने। दिव्यांग होने को अपनी कमजोरी न समझें। अपने हुनर को निखारें और देशहित में लगाएं। अपना वोट बनवाएं और उसका इस्तेमाल स्वस्थ लोकतंत्र की स्थापना में जरूर करें।