
अपनी पत्नी के इलाज के लिए घर को अस्पताल में बदल दिया. वहां ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर वेंटीलेटर तक की व्यवस्था कर दी
मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक रिटायर्ड इंजीनियर ज्ञान प्रकाश की कहानी चर्चा में है. उन्होंने अपनी पत्नी के इलाज के लिए घर को अस्पताल में बदल दिया. वहां ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर वेंटीलेटर तक की व्यवस्था कर दी. उन्होंने कहीं से डॉक्टरी का कोर्स नहीं किया है, लेकिन पूरा ख्याल वह खुद ही रख रहे हैं.
ज्ञान प्रकाश ने मीडिया से बात करते हुए कहा, उनकी पत्नी कुमुदनी श्रीवास्तव की उम्र 72 साल है. उन्हें अस्थमा है और कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. पिछले 4 साल में ऐसा कई बार हुआ. पिछले साल सितंबर में वह अस्पताल से डिस्चार्ज होने लगीं तो उनके घर आने से पहले मैं घर को अस्पताल बना चुका था.
At 74, to look after ailing wife 24×7 x 1year, monitor Oxygen ,regulate oxygen supply, change cylinder,Ventilator and like Hospital ICU Nursing,cooking, household work, attending Supreme, High Court, NGT, drafting , filing Petitions, innovation, Tweeting by virtue of my training https://t.co/T3iN5nbrqe pic.twitter.com/3QWrRMOfNX
— Gyan Prakash (@Jabalpursafety) October 5, 2020
उन्होंने कहा, मैंने अपने घर में ऑस्जीन पाइपलाइन की फिटिंग कराई, सक्शन मशीन, नेबुलाइजर, एयर प्यूरीफायर और वेंटिलेटर रखा. ऑक्सीजन की पूरा पाइपलाइन की फिटिंग करा दी. मतलब कमरे को आईसीयू में बदल दिया.इतना ही नहीं वह अपनी कार में भी ऑक्सीजन की फिटिंग कराए हैं. वह अपनी कार को भी एंबुलेंस में बदल दिए हैं. पत्नी को जब भी इमरजेंसी में अस्पताल लेकर जाना होता है तो वह इसी में लेकर जाते हैं. उनकी पत्नी के लिए हर हफ्ते 2 ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाते हैं.
वह कहते हैं इसमें मेरी इंजीनियरिंग काम आई. मैं लगातार पल्स ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन मीटर मॉनीटर करता हैं. इसी के हिसाब से ऑक्सीजन की सप्लाई करता हूं. हालांकि, वह अपने साथ एक पर्मानेंट नर्स भी रखे हैं, जो उनकी पत्नी का ख्याल रखती हैं.उनका कहना है कि जब उनकी पत्नी साल 2016 में पहली बार बीमार हुईं तो वह डिप्रेशन में चले गए थे. इससे बाहर आने के लिए उन्होंने योग का सहारा लिया. पत्नी का लंग्स फेल हो गया था. वह तब से ठीक से ऑक्सीजन नहीं ले पाती हैं. उन्हें हमेशा ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होती है.
उनकी पत्नी मैथ्स की लेक्चर थीं, लेकिन तबीयत नासाज होने की वजह से रिटायरमेंट ले लीं. उनका 46 साल का बेटा सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और अमेरिका में रहता है. साल 1998 से वह अमेरिका में ही है. 43 साल की बेटी शिकागो में है. बच्चे रोजाना वीडियो कॉल करते हैं.बच्चे अपनी नौकरी छोड़कर आ नहीं सकते हैं. ऐसे में मैंने घर को पूरा अस्पताल की तरह बदल दिया है. इसी तरह मैंने बिना किराया लिए एक परिवार को अपने साथ रखा है, जो बातें करता है और ख्याल रखता है. इससे घर का मौहाल बना रहता है.