
उड़ान… 7 साल की नन्ही बिटिया भावी साहू तीरंदाजी में कीर्तिमान रच रही हैं… बड़े भाई को अभ्यास करते देख मिली प्रेरणा…आइये तीरंदाजी के लिए मशहूर खेल ग्राम के रोचक सफर में…
खेल का बड़ा ही महत्व है आज हम आपको ऐसे गांव के बारे में बताएंगे जहा छोटे छोटे बच्चे तीरंदाजी के गुर सीखकर सफलता का कीर्तिमान रच रहें हैं।छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले से तकरीबन 10 किमी की दूरी पर बसा गांव सिंघोला कोच हीरू साहू के अथक मेहनत से यह गांव खेल हब बन गया है।खेल के सितारों से रूबरू होने हमारी टीम पहुची ग्राम सिंघोला जहा 7 साल की बिटिया भावी साहू के करतब देखकर हम सभी चकित हो गए नन्ही आंखों में ढ़ेरो ख्वाब लिए अपने सपनों को पूरी शिद्दत के साथ पीछे करने वाली,हाथो में तीर कमान और निगाहे केवल लक्ष्य बिंदु पर निशाना ऐसे लगाती हैं कि बड़े बड़े तीरंदाज न कर पाए
बड़े भाई रुस्तम साहू को अभ्यास करते देख नन्ही भावी साहू को प्रेरणा मिल रही हैं पास के ही कुतुलबोड भाठागांव निवासी तीरँदाजी खिलाड़ी रुस्तम साहू पिता संतोष साहू ने तीरँदाजी खेल में स्टेट में 5 प्रतिनिधित्व कर चुके है और राष्ट्रीय स्तर पर नादेड़ और तुमसर 2 पदक जीत चुके है। वर्तमान में कक्षा आठवीं में अध्ययनरत रुस्तम साहू अपने लक्ष्य की ओर निरंतर आगे बढ़ रहे हैं उनकी इस तीरंदाजी खेल को देखते हुए उनकी छोटी बहन भावी साहू जो केजी- 2 में अध्ययनरत है अपने पिताजी से धनुष खेलने की चाहत रखें और फिर पिताजी ने उसके लिए पटियाला से धनुष खरीद के दिया है अभी रोज अपने भाई के साथ सुबह शासकीय हाई स्कूल सिंघोला के मैदान में अभ्यास करती है ।