
किसान बेटियों से खेत जुतवा रहा था…सोशल मीडिया में वायरल हुआ वीडियो…इस शख्स ने भिजवा दिया ट्रैक्टर..गांव में रहने वाले नागेश्वर के घर पर ट्रैक्टर की डिलीवरी हुई है.
कोरोना काल में भले ही दुनिया ने तमाम तरह की परेशानियां देखी हों लेकिन देश के लोगों ने सोनू सूद का एक अलग ही रूप भी देखा है. लॉकडाउन में सोनू सूद हजारों लोगों की मदद के चलते जबरदस्त सुर्खियों में हैं. उन्होंने हाल ही में आंध्रप्रदेश के एक गरीब किसान के घर ट्रैक्टर भी भिजवा दिया है.
This family doesn’t deserve a pair of ox 🐂..
They deserve a Tractor.
So sending you one.
By evening a tractor will be ploughing your fields 🙏
Stay blessed ❣️🇮🇳 @Karan_Gilhotra #sonalikatractors https://t.co/oWAbJIB1jD— sonu sood (@SonuSood) July 26, 2020
सोनू सूद ने चित्तूर के गरीब किसान नागेश्वर राव को ब्रैंड न्यू ट्रैक्टर भिजवाया है. आंध्रप्रदेश के दूरगामी गांव में रहने वाले नागेश्वर के घर पर इस ट्रैक्टर की डिलीवरी हुई है. नागेश्वर राव ने सोनू सूद के इस स्पेशल गिफ्ट को लेकर उनकी तारीफ की है. उन्होंने कहा कि रील लाइफ में सोनू भले ही विलेन हों लेकिन रियल लाइफ में वे हमारे लिए हीरो हैं. मैं और मेरा परिवार सोनू की इस मेहरबानी के लिए उन्हें नमन करता है.
दरअसल राव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि नागेश्वर राव अपनी दो बेटियों से ही खेत जुतवा रहा है. उसके पास इतने पैसे ही नहीं है कि वो बैल किराए पर ले सके. वीडियो में लड़कियां जिस मेहनत से खेत को जोत रही हैं, ये देख सभी का दिल पिघल गया है. वही इस वीडियो को देखकर सोनू सूद ने अपने चिर परिचित अंदाज में इस फैमिली की मदद का ऐलान कर दिया था. खास बात ये है कि ये ट्रैक्टर नागेश्वर के पास पहुंच भी चुका है.
अब तक कई लोगों की मदद कर चुके हैं सोनू सूद
गौरतलब है कि सोनू सूद पिछले कुछ समय से मजदूरों, छात्रों से लेकर किसानों तक सभी की मदद को आगे आ रहे हैं. हाल ही में उन्होंने दशरथ मांझी के परिवार को भी आर्थिक सहायता देने की बात कही थी. इसके अलावा सोनू सूद विदेश में फंसे हजारों छात्रों की भी वतन वापसी करवा रहे हैं. फ्लाइट के जरिए सभी को हिंदुस्तान लाने का मिशन शुरू भी किया जा चुका है. इससे पहले उन्होंने लॉकडाउन में फंसे हजारों मजदूरों को बस दिलवाकर उन्हें होमटाउन पहुंचाया था. इससे पहले उन्होंने डॉक्टरों की भी सहायता की थी. सोनू अपने इन अनुभवों को एक किताब की शक्ल भी देने जा रहे हैं.