सुलझा लेंगे उलझे रिश्तों का मांझा…पतंग से आसमान पतंगमय हुआ…लॉकडाउन में बढ़ा पतंग उड़ाने का क्रेज…आसमान में न लॉकडाउन और न ही दफा 144 लागू है…

रायपुर:लॉकडाउन की स्थिति लगभग पूरे जिले में है।लोग खालीपन को दूर करने के लिए पतंग और मांझा का सहारा ले रहे है।अचानक से पतंगों का क्रेज बढ़ गया है रायपुर राजनांदगांव,दुर्ग की अगर बात करें तो सैकड़ों पतंगें आसमान में नजर आएंगी।पतंग उड़ाने का क्रेज बढ़ने की वजह से पतंग और मांझे के मूल्य में दोगुना तक का इजाफा हो गया है।नीली,हरी, गुलाबी,तरह तरह के रंगों से आसमान पतंगमय हो गया है।

खालीपन दूर करने के लिए पतंग का सहारा
कोरोना वायरस से बचने के लिए जमीन पर लॉकडाउन है लेकिन आसमान में न लॉकडाउन और न ही दफा 144 लागू है।पतंग उड़ाने वालों में 15 साल से 75 साल के लोग शामिल हैं। शहर के विभिन्न मोहल्लों के घरों की छतों पर आसमानों में दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक पतंगें उड़ती नजर आ रही हैं। कटी पतंगों को बच्चे लूट भी रहे हैं। वहीं कटी हुई पतंगें घरों व छतों पर पहुंच रही हैं।

परम्परागत खेलो की ओर बढ़ा रुझान
सोशल मीडिया और व्हाट्सअप के जमाने मे फिर से गली मोहल्लों में तिरी पासा का दौर शुरू हो गया है।बच्चो से लेकर बड़ो तक सभी विभिन्न प्रकार के रचनात्मक खेलो का लुत्फ उठा रहे है।लॉक डाउन ने हमे फिर से अतीत के पन्ने को देखने का मौका दे दिया है।बहरहाल बौद्धिक रूप से यह सभी खेल हमारे स्वास्थ्य और एकाग्र के लिए अति आवश्यक है।


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