भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो और आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) अंतरिक्ष में भविष्य की चुनौतियों का मिलकर लगाएंगे पता…

भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो और आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के बीच अंतरिक्ष जागरूकता और खगोल भौतिकी के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने के लिए करार हुआ है। इसरो के विज्ञान सचिव आर उमामहेश्वरन और एरीस के निदेशक दीपांकर बनर्जी के बीच वर्चुअल बातचीत के दौरान समझौता हुआ।

इसरो की ओर से जारी बयान के मुताबिक दोनों संस्थान अंतरिक्ष के मलबे से भारतीय सैटेलाइटों को बचाने के लिए काम करेंगे। इसके तहत अंतरिक्ष में घूूमने वाली वस्तुओं पर नजर रखना, उनका विश्लेषण करना और अंतरिक्ष के मौसम का अध्ययन आदि शामिल हैं। ये अंतरिक्ष जागरूकता और प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलू हैं।

देश के भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रम हमारे अनुसंधान एवं विकास विभाग की तैयारियों पर निर्भर करते हैं। इस करार के बाद दोनों संस्थानों कोे वैज्ञानिक एक साथ खगोल भौतिकी के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का अध्ययन करेंगे और उनके आधार पर भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी।


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