
*पोखरण परमाणु परीक्षण मिशन ‘ऑपरेशन शक्ति’ को PM मोदी ने किया याद…तत्कालीन PM वाजपेयी ने कहा था,”ये भारत बदला हुआ भारत है, दुनिया से आंख मिलाकर और हाथ मिलाकर चलना चाहता है. किसी प्रतिबंध से झुकेगा नहीं और शांति और सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा.”*
नई दिल्ली:भारत में हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत की विज्ञान में दक्षता एवं प्रौद्योगिकी में विकास को दर्शाता है। इस दिन राष्ट्र गौरव के साथ-साथ देश अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को भी याद करता है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी।उन्होंने इस दौरान 1998 पोखरण परीक्षण को भी याद किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर, हमारा राष्ट्र उन सभी को सलाम करता है जो दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं। हमें 1998 में इस दिन हमारे वैज्ञानिकों की असाधारण उपलब्धि याद है।यह भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था।
11 मई 1998 की वो तारीख जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई. आज ही के रोज राजस्थान के पोखरण में तीन बमों का सफल परीक्षण किया गया था. जिसके बाद भारत न्यूक्लियर स्टेट बन गया. ये परीक्षण देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में हुआ था.
ये देश का दूसरा परमाणु परीक्षण था. इससे पहले राजस्थान के जैसलमेर से करीब 140 किमी दूर लोहारकी गांव के पास मलका गांव में 18 मई 1974 को भारत ने गांव के एक सूखे कुएं में पहला परमाणु परीक्षण किया था. ये परमाणु परीक्षण इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ था. इसके बाद 11 मई 1998 का दिन भारत के लिए यादगार बन गया.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए परमाणु बम परीक्षण करना आसान नहीं था. परमाणु परीक्षण के फैसले को लेकर देश में भी विपक्षी दलों ने उनपर निशाना साधा था. अटल बिहारी वाजपेयी जब पोखरण परीक्षण पर संसद में जवाब देने उतरे तो उन्होंने जहां विपक्ष को निरुत्तर कर दिया वहीं दुनिया को ये साफ संदेश दिया कि “ये भारत बदला हुआ भारत है, दुनिया से आंख मिलाकर और हाथ मिलाकर चलना चाहता है. किसी प्रतिबंध से झुकेगा नहीं और शांति और सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा.”
पोखरण परमाणु परीक्षण के मिशन का नाम ‘ऑपरेशन शक्ति’ था. इस मिशन में अहम भूमिका निभाने वालों में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अलावा तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम थे, वह उस समय रक्षा मंत्रालय में सलाहकार वैज्ञानिक के पद पर थे.