
_*मदर्स डे विशेष*_ देखा सारा जहां,तुम हो….वहां-वहां | अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर अपनी खोजी शैली के लिए मशहूर छत्तीसगढ़ बस्तर के युवा हस्ताक्षर *विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर* जिनकी पंक्तियों में मां की अाराधना और ममता की सौंधी खुशबू आती है,,,,,,,,,,,,मां का दिन हर दिन पृथ्वी के आदि से अंत तक | ऐसा ही भावार्थ को बयां करती कुछ पंक्तियां….. _*मां..*_
*”मां”*
!
मन की बात,
तुम भांप जाती हो,
कोई तुमसा नहीं,
जीना सीखाती हो |
आकाश में,
चांदनी सी प्यारी,
धरती की,
तुम अनुपमा |
दूर किसी कोने से,
बरबस ही,
दिल धड़काती,
जीवन की प्रिय तुम मां |
तुम हो जीवन,
आत्मबल,अलौकिक,
सारथी ईश,खुदा,
जीवंत रब प्रतिमा |
जागना तुम्हारा,
मेरा जीवन,
तुम्हारी खुशियां
मुझको समर्पण |
तुम निवाला,
रोटी,सदभावना,
तुम शुभ कामना,
चाहत हो हर उपमा |
प्रार्थना,अजान,
चर्च-घंटा,गुरूवाणी,
देखा…सारा जहां,
तुम हो..वहां..वहां,
हे,मां तुम ही दुनिया |
*✍️©®Ⓜ️मुस्कुराता बस्तर🅱️*