
*फरिश्ता देखा है कभी…प्रवासी मजदूरों को भोजन का पैकेट बाँटकर चले जाता है अंजान शख्स*
कमलेश यादव:कोरोना संकट के इस घड़ी में सभी अपने-अपने तरीके से एक दूसरे के सहयोग में लगे हुए है।आज हम बात करेंगे ऐसे अंजान शख्स से जो प्रवासी मजदूरों के लिए देर रात तक अपने बाइक से भोजन के पैकेट NH 30 हाइवे(राजनांदगांव) में बाँटते है।हमारे संवाददाता के पूछने पर केवल एक ही जवाब,मैं अपने लोगो का सहयोग कर रहा हु,न नाम की आस है न प्रशंसा की चाह क्योकि सभी से हमारा रिश्ता इंसानियत का जुड़ा हुआ है।इस अंजान शख्स को फरिश्ता कहूँ या कुछ और शब्द ही नही मिल रहे है।बस सीखा गया इंसानियत का पाठ, ऐसे लोग भी होते है जो खामोशी से मदद कर जाते है और किसी को पता भी नही चलता।