आदिवासी जनजातीय बाहुल्य गांव बोरण्ड में सोहतीन बाई के घर गूंजी किलकारी,बाइक एबुलेंस बनी जीवनदायिनी,जननी सुरक्षा योजना का मिलेगा लाभ…

नारायणपुर- पूरे देश के हर शहर,और गाँव में लॉकडाउन का असर आसानी से देखा जा सकता है। इस दौरान मैदानी स्वास्थ्य अमला पूरी तरह चौकन्ना है। इसका ताज़ा उदाहरण आज शनिवार को नारायणपुर जिले के उप स्वास्थ्य केंद्र-ग्राम बड़ेजम्हरी में देखने को मिला और सुखद अनुभूति हुई।गाँव के पुरुष आर.एच.ओ और मितानीन को सूचना मिली कि बोरण्ड गाँव की गर्भवती महिला की तबीयत ठीक नही है,और वह पीड़ा से क़हरा रही है।

इस गर्भवती श्रीमती सोहंतीन बाई पति श्री कसरू राम का मितानीन द्वारा नियमित जाँच भी की जा रही थी। सूचना मिलने पर बिना देर किए स्वास्थ्य अमला बाइक एम्बुलेंस ले कर गांव-बोरण्ड में श्रीमती सोहंतीन बाई के घर पहुँचा। उप स्वास्थ्य केंद्र-ग्राम बड़ेजम्हरी में आज नॉर्मल डिलीवरी हुई। श्रीमती सोहंतीन बाई ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। नारायणपुर ज़िले मे संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जा रहा है। श्रीमती सोहंतीन बाई को जननी सुरक्षा योजना से 1400 मिलने के साथ ही शासन की अन्य योजनाओं का लाभ मिलेगा। वहीं मितानिन को भी 600 रुपए शासन द्वारा प्रदान किया जायेगा।

मालूम हो कि जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है। इसे गरीब गर्भवती महिलाओं में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर मातृत्व एवं नवजात मृत्यु दर घटाने के उद्देश्य से कार्यान्वित किया जा रहा है। यह योजना कम निष्पादन वाले राज्यों (एलपीएस) पर विशेष बल के साथ सभी राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों में चल रही है। यह शत प्रतिशत केन्द्र प्रायोजित योजना है। यह योजना गर्भावस्था के दौरान प्रसूति पूर्व देखभाल, प्रसव के दौरान संस्थागत देखभाल तथा प्रसूति उपरांत देखभाल के साथ-साथ नकद सहायता भी प्रदान करती है। गर्भवती महिला को प्रसव के लिए मुख्यतः नकद आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, इसे संस्थान में ही प्रभावी ढंग से दिया जाता है।


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