*कोरोना से जंग,जीत लेंगे हम….* हिमालय की चोटी पर विजय हासिल करने वाली *छत्तीसगढ़,बस्तर की बेटी पर्वतारोही सुश्री नैनासिंह धाकड़* से अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक युवा हस्ताक्षर *विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर* की खास खोजी समसामयिक बातचीत में.. आज पढ़िये…. *कोरोना से जंग,जीत लेंगे हम..*

*अपना ज़माना आप बनाते हैं अहले दिल,*
*हम वो नहीं कि जिसको ज़माना बना गया।*
– जिगर मुरादाबादी

बस्तर की बेटी जिसने एक नया मुकाम हासिल किया है पर्वतारोहण में,नव उर्जा से लबरेज युवाओं के प्रेरणास्रोत सुश्री नैना सिंह धाकड़ छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बस्तर मुख्यालय से हैं,जो आज भी नित्य संघर्षशील हैं |

जब पूरा देश लॉकडाउन पर है,और देश का युवाओं का एक खासा वर्ग कोरोना(कोविड-19) वैश्विक महामारी की चपेट में आये लोगों व इससे प्रभावित लोगों को हर संभव मदद का हाथ बढ़ाया है,ऐसे में हिमालय की चोटी पर विजय करने वाली बस्तर की बेटी युवा पर्वतारोही सुश्री नैना सिंह धाकड़ क्या कहती हैं…

आइये जानते हैं,उनसे खास बातचीत के कुछ अंश जैसा की उन्होंने चर्चित खोजी युवा साहित्यकार विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर से बातचीत में बताया है….

बस्तर की बेटी पर्वतारोही नैनासिंह धाकड़ कहती हैं कि—-:
जिस तरह से कोरोना का कहर टूट पड़ा है,वो बहुत गम्भीर समस्या है |

इसे ऐसे साधारण तौर पर नही लेना चाहिए।

क्योंकि हम देश के हित के लिए कार्य करते हैं और हमारा ये कर्तव्य बनता है कि लॉकडॉउन को हम पूरे नियम के साथ सदुपयोग करें।

घर पर रहें,परिवार वालों को समय दें.. घर पर नये-नये कार्य करें , ये पल जो मिला है उसे पूरी तरह बाहर से ध्यान हटा कर अपने स्वस्थ जीवन की कामना करें। और दुआ करें जो कोरोना से पीड़ित हैं,भगवान उन्हें जल्द से जल्द ठीक करें |

जो भूखे हैं,जरूरतमंद है उन्हें कोशिश करे की जीतना हो सके मदद करें।

यहां हर एक व्यक्ति का जीवन धर्म संकट की तरह हो गया हैं, जिसके पास खाने को है वो तो खायेगा ही,परंन्तु जो रोजमर्रा की जीवन जीते हैं,उनके लिये ये पल बहुत ही संकट का हैं। ऐसे में लोगों को सहयोग का हाथ बढ़ाना परम कर्तव्य है |

हमारे विचार से युवा ,आला अधिकारी ,अफसर ,सरकार ,व्यपारियों और स्वयं सेवकों के द्वारा जो बन सके मदद करना चाहिए | जिससे ये मोदी जी द्वारा चलाये गए अभियान पर अर्थात कोरोना के विषम परिणाम से हम सब सुरक्षित रह सकें |

जो लोग एक जगह पर नहीं रह सकते,जो कुछ न कुछ करते रहते थे आज एक कमरे रह कर उनके साथ क्या मानसिकता आ रही होगी हम समझ सकते है।

पर आप सभी से अनुरोध है कि आप कुछ दिन ही सही घर पर रह कर योगा कीजिये,डांस कीजिये,सिंगिंग कीजिये, कुकिंग कीजिये,पेंटिंग बनाइये, लेख लिखिए, गार्डिंग कीजिये,साफ सफाई कीजिये …अपने आप को व्यस्त रखिये क्योंकि जीवन है तो सब कुछ है।

जो बहुत दिनों से करने की सोच रहे थे जो नही कर पा रहे थे वो कीजिये |

ये बहुत बड़ी समस्या है और ऐसे मे हमे पॉजीटिव होकर रहना होगा,मन और दिमाग में नेगेटिव विचार नही आनी चाहिए।

साथ ही…..
आज डॉक्टर्स और ड्यूटी दे रहे हर इंसान को हमारा सलाम हैं।।

सभी का जीवन अनमोल हैं, जिससे जो लॉकडाउन का नियम कर्फ़्यू चल रहा हैं उसे फॉलो करें, क्योंकि जीवन है तो हर कार्य कर सकते हैं और प्रकृति की तरफ विशेष ध्यान दे। प्रकृति को संनारना सहेजना ही हमारे बेहतर भविष्य का हितकारक होगा |

अपने प्रति जागरूक रहें,सजग रहें, और लोगो को अपने आस पास वालो को जागरूक करते रहे।

छत्तीसगढ़ पर्वतारोही
बस्तर की बेटियां
नैना सिंह धाकड़।

ये थी हमारी बस्तर की बेटी सुश्री नैना सिंह धाकड़ जो अपनी जिन्दगी की डिजाइनिंग खुद कर रही हैं,हम जल्द फिर नये शख्सियत के साथ बातचीत में हाजिर होंगे,तब तक के लिये विदा से पूर्व…. याद आ रहीं..निसार इटावी की वो पंक्तियां,….,,,
*वही हक़दार हैं किनारों के,*
*जो बदल दें,बहाव धारों के।*


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