बेटी की शादी में पिता ने दिया अनूठा उपहार.. 6 माह में जुटाईं 2 हजार पुस्तकें…पुस्तकों को बैलगाड़ी में भरकर बेटी को विदाई दी गई…महर्षि वेद व्यास से लेकर आधुनिक लेखकों की अंग्रेजी, हिंदी और गुजराती भाषा की किताबें शामिल हैं…

Positive news:-गुजरात में राजकोट के नानामवा गांव के शिक्षक हरदेवसिंह जाडेजा ने जिस तरह अपनी बेटी की शादी कराई है, उसकी दूर-दूर तक प्रशंसा हो रही है। बेटी को ससुराल विदा करते समय आमतौर पर लोग उपहार के तौर पर गहने, कपड़े, वाहन या नकदी देते हैं, लेकिन हरदेव ने अपनी बेटी की ख्वाहिश के मुताबिक, शादी में उसके वजन से भी कई गुना (करीब 2,200) किताबें दीं। बेटी किन्नरीबा की खुशियां तब और बढ़ गईं, जब शादी में शरीक होने आए मेहमानों ने भी आर्शीवाद देते हुए 200 पुस्तकें गिफ्ट कीं।

बेटी की इच्छा पूरी करने के लिए दिया अनूठा उपहार
सूत्रों के अनुसार, जो पुस्तकें किन्नरीबा के लिए पिता ने बैलगाड़ी भरकर भेंट कीं, उनमें संस्कृत, गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा की पुस्तकें शामिल हैं। इनमें धार्मिक ग्रंथ जैसे श्रीमद भागवत-गीता, कुरान तथा बाइबल भी दी गईं। बेटी को यह अनूठा उपहार देने के लिए हरदेवसिंह ने पहले उसकी पसंदीदा पुस्तकों की सूची बनाई। फिर 6 महीने तक दिल्ली, बेंगलुरु और काशी जैसे शहरों में घूम-घूमकर इन पुस्तकों को इकठ्ठा किया।

पिता को इन्हें इकट्‌ठा करने में ही 6 महीने लग गए
हरदेवसिंह ने जो पठनीय पुस्तकें खरीदीं, उस लिस्ट में महर्षि वेद व्यास से लेकर आधुनिक लेखकों की अंग्रेजी, हिंदी और गुजराती भाषा की किताबें शामिल हैं। इसमें धर्म, विज्ञान, इतिहास, भूगोल समेत तकरीबन हर विषय की पुस्तकें हैं।

बचपन से ही किताबें पढ़ने की शौकीन है किन्नरीबा
परिजनों ने बताया कि, किन्नरीबा को बचपन से ही किताबें पढ़ने का शौक है। इसी कारण उनके पास 500 से ज्यादा पुस्तकों की लाइब्रेरी है। अपनी शादी में खुद के वजन के बराबर पुस्तक देने की ख्वाहिश किन्नरीबा ने अपने पिता के सामने खुद व्यक्त की थी।

500 किलो से ज्यादा हो गया पुस्तकों का वजन
बेटी की इच्छा को पूरी करने के लिए हरदेव सिंह ने उसके वजन से 10 गुना यानी 500 किलो से ज्यादा वजन की पुस्तकें जुटाईं। हरदेवसिंह जाडेजा राजकोट शहर के नानामौवा के रहने वाले हैं। उनकी बेटी किन्नरीबा की शादी वडोदरा निवासी इंजीनियर पूर्वजीतसिंह से हुई है। पूर्वजीतसिंह अभी कनाडा में रहते हैं।

कुरान, बाइबिल एवं गीता समेत 18 पुराण लाए गए
कुल पुस्तकों में हिंदू धर्म ग्रंथ एवं कुरान, बाइबिल समेत कुल 18 पुराण भी शामिल हैं। इन पुस्तकों को बैलगाड़ी में भरकर किन्नरीबा को विदाई दी गई। इस मौके पर बड़ी संख्या में मेहमान, घराती और बराती मौजूद रहे। सभी ने हरदेवसिंह और उनकी बेटी की जमकर सराहना की।


जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles