
कार्यशाला: कानूनी अधिकार और साइबर सुरक्षा पर जागरूकता
गोपी : राजनांदगांव स्थित कमला देवी गर्ल्स कॉलेज में पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राहुल देव शर्मा के मार्गदर्शन में “कानूनी अधिकारों और साइबर सुरक्षा पर जागरूकता” कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सायबर प्रभारी निरीक्षक श्री विनय पम्मार ने साइबर अपराध और उससे बचाव के उपायों पर छात्राओं और शिक्षकों को जागरूक किया।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु निम्नलिखित थे:
सोशल मीडिया पर सावधानी और सुरक्षा
अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।
साइबर बुलिंग, फेक प्रोफाइल, और साइबर स्टॉकिंग जैसे मामलों की तुरंत रिपोर्ट करें।
थर्ड-पार्टी ऐप्स या अंजान लिंक को न खोलें।
सोशल मीडिया में व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें।
मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन करें।
आधुनिक साइबर अपराधों की जानकारी
फेक ट्रेडिंग ऐप्स, सेक्सटॉर्शन, और फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी के तरीकों से बचाव।
एपीके फाइल लिंक खोलने से संबंधित जोखिम।
साइबर क्राइम रिपोर्टिंग के लिए पोर्टल cybercrime.gov.in और हेल्पलाइन नंबर 1930 की जानकारी।
नवीन कानून और महिला सुरक्षा पर विशेष सत्र
महिला रक्षा टीम (म.प्र.आर. श्रीमती डोमेश्वरी साहू, आर. क्रांति साहू, और म.आर. जया साहू) ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों जैसे घरेलू हिंसा, लैंगिक शोषण, पॉक्सो एक्ट, और “गुड टच-बेड टच” की जानकारी दी। अभिव्यक्ति ऐप डाउनलोड कराकर इसके उपयोग और महत्व पर प्रकाश डाला गया।लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में कमला कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आलोक मिश्रा, स्टाफ सदस्य डॉ. दुर्गा शर्मा, खुसबू राजपूत, हर्षा कुशवाह, डॉ. नीता नायर, हरप्रीत कौर गरचा, और बृजबाला उईके के साथ लगभग 400 छात्राएं उपस्थित थीं।
कार्यशाला का उद्देश्य
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराधों और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना और छात्राओं को सुरक्षा के प्रति सजग बनाना था। इस पहल ने समाज को सुरक्षित और सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम उठाया। पुलिस विभाग की यह पहल न केवल युवाओं को कानूनी जानकारी प्रदान करती है, बल्कि उन्हें साइबर खतरों से बचने और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी देती है। ऐसी कार्यशालाएं समाज को एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।