
शक्ति और साहस की प्रतीक…लोग कहते थे…इतनी कम उम्र में क्या करेगी…इसे कोई अनुभव नहीं है…बहुत ही कम उम्र में सरपंच का दायित्व निभाने वाली कु.भारती जांगड़े
कमलेश : किसी भी चीज की आलोचना करना बहुत आसान है, लेकिन जीवन में सबसे महत्वपूर्ण बात है आगे आकर नेतृत्व करना। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है। आज हम बात करने जा रहे हैं कुमारी भारती जांगड़े की, जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में सरपंच का दायित्व पूरी ईमानदारी से निभाया हैं। वह कहती हैं कि मेरे अकेले काम करने से कुछ नहीं होगा। गांव वालों ने मुझे अपना प्रतिनिधि चुना है। हमारे सामूहिक प्रयासों से ही गांव की तस्वीर बदलेगी। दरअसल विकास की पहली सीढ़ी बड़ों का मार्गदर्शन है।
वह कहती है कि ग्राम पंचायत रूही की सरपंच बनने के बाद मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी चुनौती मेरी उम्र थी। लोग कहते थे, “इतनी कम उम्र में क्या करेगी? इसे कोई अनुभव नहीं है” और इस तरह के ताने सुनने को मिलते थे। कुछ लोगों का मानना था कि पंचायत का काम सिर्फ़ बड़े लोग ही कर सकते हैं और मैं इस ज़िम्मेदारी के लायक नहीं हूँ।
लोगों की उम्मीदें और रूढ़िवादी सोच के चलते, हर कदम पर मुझे अपने फैसलों को सही साबित करना पड़ा। लेकिन इन तानों और आलोचनाओं ने मुझे और मजबूत बनाया। मैंने साबित किया कि संकल्प और मेहनत से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है, चाहे उम्र कितनी भी कम क्यों न हो।
मैं खुद एक गरीब परिवार की बेटी हूं और मैंने इन सालों में बहुत कुछ सीखा है। गांव की हर महिला के पास काम होना चाहिए ताकि वे सभी आर्थिक रूप से समृद्ध हो सकें। बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ सबसे महत्वपूर्ण बात मानव संसाधनों का सही उपयोग है। मैं हमेशा महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध रही हूं। भारती मानती हैं कि जैसे माँ दुर्गा ने असुरों पर विजय प्राप्त की, वैसे ही महिलाएं समाज की नकारात्मकता पर विजय प्राप्त कर सकती हैं, अगर उन्हें सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले।
भारती ने न केवल पंचायत के विकास के लिए काम किया, बल्कि स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया। स्वच्छता अभियान के तहत उन्होंने गांव में कचरा प्रबंधन की प्रणाली विकसित की, जिससे ग्रामीणों में जागरूकता भी बढ़ी। वह कहती हैं कि स्वच्छता प्रबंधन की सही शुरुआत हमारे दृढ़ संकल्प से होती है, अगर हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझ ले तो कचरा नहीं फैलेगा।
कुमारी भारती जांगड़े का यह सफर न केवल उनके गाँव के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणादायी है।उन्होंने अपने नेतृत्व में सभी ग्रामीणों की भागीदारी को सुनिश्चित करती हैं, चाहे वह महिला सशक्तिकरण हो या युवाओं के लिए रोजगार के अवसर। उनका मानना है कि ग्रामीण विकास के लिए हर व्यक्ति का योगदान आवश्यक है।