स्टार्टअप…वह अपने रोटी व्यवसाय से सालाना लाखों रुपये कमा रही हैं

गोविंद साव : पहले पुरुष ही पूरे परिवार के जीवन यापन के लिए नौकरी या व्यवसाय करते थे लेकिन जैसे जैसे भारत आगे बढ़ रहा है वैसे वैसे ही भारत में रहने वाले लोगो की सोच में भी तब्दीली दिखाई दी है। अब सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाएं भी व्यवसाय कर रही है जो आने वाले कल के लिए बेहद जरूरी और अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणादायक है। आज हम ऐसे ही एक प्रेरणादायक उदाहरण लेकर आपके सामने आए है। दरअसल आज हम बात करने वाले है वडोदरा के अकोटा में रहने वाली मीनाबेन शर्मा रोटी बनाने का बिजनेस चला रही हैं।हर दिन करीब पांच से छह हजार रोटियां बनाती हैं और लोगों को खिलाती हैं। रोटी के बिजनेस से वह सालाना 40 लाख का टर्नओवर कमा रही हैं। वह वडोदरा में रोटी दीदी के नाम से मशहूर हैं।

कैसे की शुरुआत?
जब उनके पति दीपकभाई कच्छ में एक बड़ी कंपनी की कैंटीन संभाल रहे थे तब मीनाबेन भी उनके साथ जुड़ी हुई थीं।उस दौरान उनके दो बच्चे हुए और बच्चों की देखभाल के लिए वह एक गृहिणी बन गईं। शिक्षित होने के कारण, उन्होंने तीन साल तक वडोदरा के एक निजी स्कूल में शिक्षिका के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने ट्रेनिंग ली और एमडी कॉर्पोरेशन के तहत व्यावसायिक आधार पर रोटी बनाने का व्यवसाय शुरू करने का फैसाला लिया। सरकार की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बिजनेस के लिए उन्हें 8 लाख का लोन मिला । साल 2018 में रोटी बनाने का बिजनेस शुरू किया।शुरुआती दौर में उन्होंने रोटी बनाने के लिए एक मशीन खरीदी और प्रतिदिन लगभग 1 हजार रोटियां बनाकर थोक में रेडी-टू-ईट रोटी बेचना शुरू किया।

महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी
उनका कहना है कि अगर महिलाओं में काम करने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो सफलता मिलती है। उन्होंने ये भी बताया कि उनके कारखाने में बनी रोटी की कीमत गेहूं-आटे की कीमत के अनुसार ही घटती-बढ़ती रहती है। फिलहाल यहां एक रोटी 3.50 रुपये की है। अगर अधिक मात्रा में कोई रोटी खरीदे तो उसकी कीमत 50पैसे कम करके 3 रुपये भी कर देते हैं।”


जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles