
एक व्यक्ति का छोटा सा प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकता है…प्रकृति प्रेमी वीरेन्द्र सिंह ने बंजर भूमि में 250 करंज के पौधे लगाए थे…उनका यह प्रयास आज 21 वर्षों बाद विशाल वृक्षों का वन बन चुका है…उन्होंने सभी 250 पौधों को खास नाम दिए हैं
कमलेश यादव : प्रकृति प्रेमी वीरेन्द्र सिंह ने छत्तीसगढ़ के , राजहरा की बंजर भूमि (वॉर्ड 17 कोंडे पावर हाउस) पर 2004 में जो कदम उठाया, वह आज एक प्रेरणा बन गया है। उस समय इस क्षेत्र की भूमि बंजर और सूखी थी। उन्होंने यहां 250 करंज के पौधे रोपित किए थे। उनका यह छोटा सा प्रयास आज 21 वर्षों बाद विशाल वृक्षों का वन बन चुका है। उन्होंने सभी 250 पौधों को अलग-अलग खास नाम दिए हैं। इन पेड़ों ने न सिर्फ पर्यावरण को बेहतर बनाया है बल्कि आसपास के लोगों को भी जागरूक किया है।
आज जब ये पेड़ अपने 21वें साल में प्रवेश कर चुके हैं, तो स्थानीय स्कूल के बच्चों ने इसे एक खास दिन के रूप में मनाया। बच्चों ने 21 नए पौधे लगाकर और दीप जलाकर इस अवसर को खास बनाया। इस समारोह में बच्चों की खुशी देखने लायक थी। उनका उत्साह और प्रकृति के प्रति उनका प्रेम साफ झलक रहा था।
बच्चे सुबह से ही इस आयोजन की तैयारी में जुटे थे। उन्होंने अपने हाथों से पौधे लगाए और दीये जलाए। यह नजारा देखकर हर कोई प्रभावित हुआ। वीरेंद्र सिंह की इस पहल ने बच्चों को प्रकृति से जोड़ने का काम किया। बच्चों ने न केवल पेड़ लगाने का महत्व सीखा, बल्कि पर्यावरण की जरूरत भी समझी।
इस अवसर पर बच्चों को पर्यावरण प्रेमी वीरेंद्र सिंह ने कहा, “प्रकृति हमारी सच्ची मित्र है। हमें इसकी देखभाल करनी चाहिए। पेड़ न केवल हमें ऑक्सीजन देते हैं बल्कि हमारी धरती को हरा-भरा भी बनाते हैं।” उनके शब्दों ने बच्चों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी।
आज, 21 साल बाद, वीरेंद्र सिंह के उस कदम का फल सबके सामने है। उनकी इस प्रेरणादायक पहल ने न केवल पर्यावरण को सुधारा है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित किया है। ऐसे प्रेरक व्यक्तित्व से हम सभी को सीखना चाहिए और प्रकृति की सेवा में अपना योगदान देना चाहिए।