
गुरूद्वारा बंदी छोड़ पातशाही छह तुमडीबोड में राहगीरों को मीठा शरबत पिला कर सेवा की गई
राजनांदगांव…गुरूद्वारा बंदी छोड़ पातशाही छह तुमडीबोड के प्रबंधक सेवादार और संगत के सहयोग से राहगीरों को मीठा शरबत पिला कर सेवा की गई। सिख इतिहास में गुरु अर्जन साहिब जी पहले सिख गुरु हुए जिनकी याद में ही छबील लगाई जाती है। भीषण गर्मी में मानवता के नाते लोगों को शीतलता प्रदान करने की एक पहल है। सभी मनुष्यों को गुरु अर्जन साहिब जी की शहीदी से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी शहादत को अपने जहन में रखना चाहिए। उनका इतिहास पढ़ना चाहिए ताकि जीवन में आने वाली किसी भी विषय परिस्थिति में अपने मार्ग से डगमगाएंगे नहीं।गुरु साहिब जी को गर्म तवे पर बैठाया गया और उन पर गर्म रेत डाली गई। सिख धर्म में गुरु अर्जन साहिब जी को शांति का प्रतीक कहा जाता है। यह जानकारी गुरुद्वारे के ज्ञानी नरिन्दर सिंह जी द्वारा दी गई हैं।