छत्तीसगढ़ के प्रयाग राजिम को कुंभ का दर्जा दिलाने वाले जननायक बृजमोहन अग्रवाल की प्रेरणादायक कहानी

पार्टी को हर मुश्किल से उबारने वाले बृजमोहन अग्रवाल छत्‍तीसगढ़ के सबसे लोकप्रिय नेता है। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। छत्‍तीसगढ़ की राजनीति में बृजमोहन अग्रवाल सबसे लोकप्रिय नेता हैं। बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश की सबसे बड़ी लीड लेकर लगातार चुनाव जीतते हुए आठवीं बार विधायक बने हैं। वर्तमान में लोकसभा प्रत्याशी के रूप में भी पार्टी ने उनके ऊपर भरोसा जताया हैं।

छत्‍तीसगढ़ की विष्‍णुदेव साय सरकार में कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य विभाग का मंत्री बनाया है। इसके साथ ही उन्‍हें धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की भी जिम्‍मेदारी दी गई है। बता दें क‍ि राजिम कुंभ की शुरुआत अग्रवाल ने ही की थी

कॉमर्स व आर्ट्स दोनों विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले बृजमोहन अग्रवाल ने एलएलबी की भी डिग्री ली है। 1990 में पहली बार विधायक निर्वाचित होने वाले बृजमोहन अग्रवाल ने अपने राजनीतिक की शुरुआत भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की। वे कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष व भारतीय जनता युवा मोर्चा अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष रहें हैं। अविभाजित मध्य प्रदेश में राज्य मंत्री रहने के अलावा छत्तीसगढ़ की सरकार में तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे हैं। भाजपा विधायक दल के सदन में मुख्य सचेतक भी रहे हैं। राजिम में राजिम कुंभ करवा कर उन्होंने राजिम कुंभ को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलवाई है।

राजिम को दिलाया कुंभ का दर्जा
छत्‍तीसगढ़ का राजिम तीन नदियों महानदी, पैरी नदी व सोढुर संगम स्थल है। इसे छत्‍तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है। वहां राजीव लोचन और कुलेश्‍वर महादेव का मंदिर भी हैं। वहां माघी पुन्‍नी मेला का आयोजन होता था। 2005में धर्मस्‍व मंत्री रहते बृजमोहन अग्रवाल ने इस आयोजन को कुंभी मेले की तर्ज पर शुरू कराया। पखवाड़ेभर तक चलने वाले इस आयोजन की चर्चा देश- विदेश तक होती है। इसमें देशभर के साधु-संतों आते हैं। हालांकि 2019 से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की शासन आते ही, सरकार ने फिर से आयोजन को राजिम पुन्नी मेला नाम दे दिया।

पुरुस्कार:- पंडित कुंजीलाल दुबे स्मृति, उत्कृष्ट विधायक पुरुस्कार मध्यप्रदेश विधानसभा वर्ष 1997

विशेष उपलब्धियां:- महत्वाकांक्षी परिकल्पना, ” राजिम कुंभ महोत्सव को मूर्त रूप देते हुए राष्ट्रीय स्वरूप देना।

विदेश यात्राएं:- श्रीलंका, सिंगापुर, मलेशिया, चीन,मकाऊ, हॉंगकॉंग, जापान, हॉलैंड, स्पेन,फ्रांस, ब्रिटेन,नीदरलैंड, इंग्लैंड, स्विट्जरलैंड, इटली, अमेरिका, जर्मनी, नेपाल, इजराईल।

सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का परिचय:-
बृजमोहन अग्रवाल ने 1977 मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से छात्र राजनीति में प्रवेश किया। 1980-85 अध्यक्ष युवा मंडल रहे। 1981-82 में अध्यक्ष छात्रसंघ दुर्गा महाविद्यालय एवं प्रमुख सलाहकार विश्वविद्यालय छात्रसंघ रहे।

1982-83 अध्यक्ष छात्रसंघ कल्याण महाविद्यालय भिलाई रहे। 1984 में भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय हुए। 1985 में उपाध्यक्ष जेसीस रायपुर। 1986 में प्रदेश मंत्री भारतीय जनता युवा मोर्चा मध्यप्रदेश बने। 1988-90 में प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय जनता युवा मोर्चा बने। 1988- 92 में सदस्य संचालक जेसीस बने। 1989 में प्रतिनिधि रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय बने। 1990 में पहली बार विधायक हेतु निर्वाचित हुए। फिर 1993,1998,2003,2008,2013 एवं 2018 में सदस्य निर्वाचित हुए।

1990- 92 में राज्यमंत्री स्थानीय शासन,नगरीय कल्याण,पर्यटन,संस्कृति, विज्ञान एवं तकनीकी विभाग मध्यप्रदेश शासन, 1991- 94 में प्रदेश महामंत्री भारतीय जनता युवा मोर्चा मध्यप्रदेश रहे। 1994-95 सदस्य लोक लेखा समिति मध्यप्रदेश विधानसभा रहे। 1994-1998 में मंत्री मध्यप्रदेश भाजपा विधायक दल रहे। 1995-1996 सदस्य विशेषाधिकार समिति मध्यप्रदेश विधानसभा बने। 1997-98 में सदस्य कार्य मंत्रणा समिति मध्यप्रदेश विधानसभा बने।

1998 में बृजमोहन अग्रवाल भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक बने। सदस्य भाजपा प्रदेश कार्यसमिति, सदस्य सरकारी उपक्रम समिति मध्यप्रदेश विधानसभा, सदस्य भारतीय जनता युवा मोर्चा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी, 2000 में सदस्य लोक लेखा समिति एवं कार्य मंत्रणा समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा बने। 2001 में अध्यक्ष नेहरू युवा केंद्र, 2003 में मंत्री गृह,जेल श्रम, संस्कृति, एवं पर्यटन विभाग बने। 2004 में वे सदस्य कार्य मंत्रणा समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा बने। 2005 मंत्री छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं पुनर्वास विधि और विधाई कार्य,संस्कृति पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग बने। 2006 में वे मंत्री छत्तीसगढ़ शासन वन, राजस्व एवं पुनर्वास, पर्यटन, संस्कृति, विधि और विधाई कार्य धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व खेल एवं युवा कल्याण विभाग बने। वह सदस्य एफ्रो एशियन खेल आयोजन समिति बने। 2008 में वो मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, संस्कृति, संसदीय कार्य एविम पर्यटन विभाग बने। 2013 में वे मंत्री छत्तीसगढ़ शासन,पशुधन विकास, मछली पालन, जल संसाधन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, 2015 में वे अध्यक्ष प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बने। 2019 से 2021 तक वे विशेष आमंत्रित सदस्य, कार्य मंत्रणा समिति विधानसभा व सदस्य विशेषाधिकार समिति, सरकारी उपक्रम समिति विधानसभा रहे।


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