सेहत की बगिया…अपने बगीचे में ऐसे पौधे भी लगाएं जो आपको रोगों से बचाएं…पिप्पली, अश्वगंधा और गिलोय जैसे पौधे ये डेंगू-मलेरिया से बचाएंगे और हृदय रोगों का खतरा घटाएंगे

1732

आयुर्वेद में ऐसे कई पौधे बताए गए हैं जिनकी पत्तियों और जड़ों से कई तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है। इनमें से कुछ पौधों को घर के गार्डन में उगा सकते हैं। इन्हें लगाना भी आसान है और अधिक देखभाल की जरूरत भी नहीं होती।अपने बगीचे में ऐसे पौधे भी लगाएं जो आपको रोगों से बचाएं। बागवानी विशेषज्ञ बताते हैं,घर के बगीचे में औषधीय पौधे कैसे लगाएं, इन्हें कैसे इस्तेमाल करें और ये कितनी तरह से फायदा पहुंचाते हैं…

ब्राह्मी
ब्राह्मी : दिमाग तेज करती है और बच्चों में एकाग्रता बढ़ाती है
कैसे लगाएं : इसका पौधा जमीन पर फैलकर बड़ा होता है, यह आसानी से किसी भी मिट्टी में लग जाता है।
कैसे मिलेगा फायदा : इसकी 4-5 पत्तियों को सुबह खाली पेट चबाकर, पानी पिएं। रस निकालकर भी ले सकते हैं। इसकी तासीर ठंडी होती है इसलिए सर्दी में पत्तियों के रस को काली मिर्च के साथ लें।
फायदे : ब्राह्मी दिमाग के लिए अधिक फायदेमंद है। बच्चों में एकाग्रता की कमी और बड़ी उम्र में भूलने की बीमारी में इसकी पत्तियों को चबाकर खाते हैं तो फायदा होता है।

गिलोय
गिलोय : डेंगू-चिकनगुनिया के मरीजों के लिए फायदेमंद      कैसे लगाएं : गिलोय बेल है.जो कटिंग से हर तरह की मिट्टी में लग जाती है।
कैसे मिलेगा फायदा : गिलोय बेल की डालियां कूटकर पानी में उबालकर पी सकते हैं। जिन्हें डायबिटीज नहीं है, वे इसमें थोड़ा शहद डालकर भी पी सकते हैं।
फायदे : गिलोय रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने वाली औषधि है। ऐसे लोग जिन्हें बार-बार जुकाम होता है, उनके लिए फायदेमंद है। सांस के रोग, आर्थराइटिस, डेंगू या चिकनगुनिया, मधुमेह में फायदा मिलता है।

कालमेघ
कालमेघ : यह कैंसर और संक्रमण से बचाता है
कैसे लगाएं : यह आसानी से बीज या कटिंग से गमले या क्यारी में लग जाता है।
कैसे मिलेगा फायदा : बुखार और खराश होने पर इसकी पत्तियों की चाय या जूस बनाकर पी सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि यह नीम से सौ गुना अधिक कड़वा होता है, इसलिए इसे ‘किंग ऑफ बिटर’ के नाम से भी जानते हैं।
फायदे : यह संक्रमण, बैक्टीरिया, कैंसर और सूजन से बचाता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए भी यह फायदेमंद है। इसीलिए इसको कोविड-19 संक्रमण से लड़ने में मददगार भी कहा जा रहा है। दवाइयों में इसके प्रयोग भी किए जा रहे हैं। यह हैजा, दमा, ज्वर, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, खांसी, गले में छाले और पाइल्स में फायदेमंद है।

पिप्पली
पिप्पली : यह हृदय रोगियों और पेट की समस्याओं में फायदेमंद
कैसे लगाएं : पिप्पली का पौधा कटिंग या बीज रोप करके लगा सकते हैं।
कैसे मिलेगा फायदा : पिप्पली को लॉन्ग पेपर भी कहते हैं। इसमें लम्बे फल लगते हैं, जिनका चूर्ण बनाकर सेवन किया जाता है। उसी तरह जड़ को सुखाकर भी इसका चूर्ण लिया जा सकता है।
फायदे : यह दिल के रोगों में फायदेमंद है। इसके फल के एक ग्राम चूर्ण को शहद के साथ खाली पेट लेने पर दिल के रोगों में राहत मिलती है। इसी तरह पेट के रोगों के लिए भी यह चूर्ण फायदेमंद है।

अश्वगंधा
अश्वगंधा : खांसी और अस्थमा में राहत देता है, इम्युनिटी बढ़ाता है
कैसे लगाएं : इसका पौधा बीज की मदद से गमले या क्यारी में लगाया जाता है।
कैसे मिलेगा फायदा : इसकी जड़ों का पाउडर खांसी और अस्थमा से राहत दिलाता है। पत्तियों की चाय बनाकर पी सकते हैं। दूध में एक चम्मच अश्वगंधा की जड़ का पाउडर मिलाकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
फायदे : अश्वगंधा शरीर की काम करने की क्षमता को बढ़ाता है। इसके पत्तों को रेग्युलर खाते हैं और प्राणायाम करते हैं तो मोटापा कम किया जा सकता है।

वन तुलसी
वन तुलसी : सिरदर्द, गले की खराश और बुखार में फायदा करती है
कैसे लगाएं : इसको बीज या कलम से बड़े गमले में लगा सकते हैं लेकिन क्यारी में बेहतर उगती है।
कैसे मिलेगा फायदा : इसकी पत्तियों से मसाला चाय बना सकते हैं। चाय बनाते वक्त इसकी कुछ पत्तियां साथ में डालने से चाय भी कड़क बनेगी। रसोई में मौजूद मसालों की तरह वन तुलसी का उपयोग कर सकते हैं। इसकी दो-तीन पत्तियां मसालों के साथ पीसकर उपयोग कर सकते हैं।
फायदे : वन तुलसी की पत्तियां इन्फ्लुएंजा के इलाज, सिरदर्द, गले की खराश, खांसी और बुखार में फायदा पहुंचाती हैं।

लेमनग्रास
लेमनग्रास : इसकी चाय पिएं, संक्रमण से बचे रहेंगे
कैसे लगाएं : इसे नींबूघास भी कहते हैं। इसे छोटे गमले या क्यारी में लगा सकते हैं।
कैसे मिलेगा फायदा: इसकी पत्तियां लेमन टी बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं। गर्म पानी में अजवाइन और लेमनग्रास की कुछ पत्तियां डालकर उबाल लें। इसे दो मिनट तक रखें और फिर हल्दी डालकर अच्छी तरह से मिलाकर पिएं।
फायदे: इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और बैक्टीरिया को खत्म करने वाली खूबियां हैं जो कई प्रकार के इंफेक्शन से बचाता है। इस घास में विटामिन-ए और सी, फोलेट, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम और मैगनीज़ होते हैं।

Live Cricket Live Share Market

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here