सीक्रेट सुपरस्टार…गांवों में जाकर शिक्षा की तस्वीर बदलते शख्स की कहानी…शिक्षाक्रांति से जरूर जुड़िये क्योकि सवाल आपके बच्चों के भविष्य का है…

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कमलेश यादव,भिलाई:-इंसान की जिज्ञासा और साहसी मनोवृति ने बैलगाड़ी के पहिये से हवाई जहाज के पहिये तक का सफर तय किया है।अभ्यास और शिक्षा के दम पर सब कुछ सम्भव है।हजारों वर्षों का इतिहास और वर्तमान में केवल एक चीज ही कामन है वो है “शिक्षा”।शिक्षा धन ऐसा धन जो जिंदगी के मुश्किल पलो में आपके साथ रहता है।

आज हम बात करेंगे ऐसी ही शख्सियत के विषय मे जिन्होंने पिछड़े हुए गांव के बच्चों की शिक्षा के स्तर को सुधारने में अपने जिंदगी के बहुमूल्य साल लगा दिए है ।भिलाई में रहने वाले श्री मनोज स्वाईं जी जिन्होंने शिक्षादुत बनकर अनेको जिंदगी को शिक्षा से रोशन किए है।खुद से संघर्ष करते हुए औरों के लिए अपनी जिंदगी समर्पित कर दिए है।30 वर्ष पहले किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था,उस वक्त बहुत सारे लोगो का प्यार और सहयोग मिला था।रोज जिंदगी और मौत सामने खड़ी रहती है फिर भी जब तक शिक्षा क्रांति न हो जाए,चैन नही है।

गांव की यादे,वहां का प्यार अपनापन आज भी मन के किसी कोने में दर्ज है।पिताजी श्री आर.आर स्वाईं रायगढ़ में क्लर्क थे,बचपन से ही घर मे पढ़ाई का माहौल मिला,पिताजी का अनुशासन और माताजी श्रीमति पवित्रा स्वाईं के प्यार के बदौलत सब कुछ खेल-खेल में ही सीख लिया।माँ के प्यार के बदौलत ही आज सांसे चल रही है।क्योकि उन्होंने ही अपनी एक किडनी दिए हुए है।

हर सफर की अपनी कहानी होती है,पढ़ाई में मेधावी छात्र होने के वजह से नौकरी भी जल्दी ही मिल गया।भिलाई स्थित स्टील प्लांट में कैरियर की शुरुआत हुई।वक्त को कुछ और ही मंजूर था 23 वर्ष की उम्र में किडनियां खराब होने के वजह से काफी समस्याओं का सामना हुआ ,बाद में किडनी ट्रांसप्लांट कराना पड़ा।स्टील प्लांट में एक एक्सीडेंट के चलते नौकरी भी साथ नही दिया।तमाम विकट परिस्थितियों के बावजूद हिम्मत नही हारते हुए,गांवों में शिक्षा के स्तर को सुधारने का बीड़ा उठा लिया है।क्योकि आज भी शिक्षा में कही न कही कुछ कमी है।जिसे जड़ में जाकर सुधारना होगा।

जिस विकास की हम बाते करते है वह तब तक सम्भव नही है जब गांव के बच्चो की शिक्षा उत्कृष्ट हो।ऐसा केवल कहने से नही करके दिखाना होगा।गांव के 50 स्कूलों में जाकर मात्र 2 घण्टे में गणित का पूरा समस्या को ही खत्म कर दिए है।कुछ लोग अंग्रेजी को इतना बढ़ावा दिए हमारे छात्र डरना शुरू कर दिए है,उस डर को दूर करके गांव के बच्चे जबरदस्त अंग्रेजी बोलना शुरू कर दिए है।यह कोई फार्मूला नही है।बस बच्चो के दिल और दिमाग को पढ़ने की जरूरत है।

सरकारी स्कूल के बच्चों के पीछे अभी बहुत काम करना पड़ेगा।एक आदमी जब पूरे देश के बारे में सोच सकता है,तो हम अपने गांव अपने परिवार के विषय मे सोच नही सकते।पँचायत और पाठशाला दोनो को नियंत्रण में लेना होगा तभी हमारा देश फिर से विश्वगुरु कहलायेगा।इसके लिए आप सभी को अपने घरों से निकलना होगा।अपने बच्चो की अच्छी भविष्य के लिए।

शिक्षा से ही स्वास्थ्य जुड़ा हुआ है।हाल ही में एनसीईआरटी एससीईआरटी और पूरे भारत के शिक्षा तंत्र को सोशल मीडिया और पत्र के माध्यम से शिक्षा क्रांति के विषय मे अवगत कराया गया है।फिर भी किसी जिम्मेदार व्यक्ति का जवाब नही आया है।खैर मुझे जो काम करना है वह तो होगा ही।मनोज स्वाईं जी की यह बाते निःसन्देह गौर करने वाली है।आप भी यदि इस शिक्षाक्रांति से जुड़ना चाहते है तो 98274 63495 में सम्पर्क करें।सत्यदर्शन चैनल की पूरी टीम मनोज स्वाईं जी के इस जज्बे को सलाम करती है…शिक्षा ही विकास

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